Slippage in Trading: स्लिपेज क्या है और मुनाफे पर इसका असर

Hemant Saini
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परिचय: स्लिपेज: ट्रेडिंग का छुपा हुआ शत्रु जो खा जाता है आपका मुनाफा!

स्लिपेज ट्रेडिंग की दुनिया का वो चोर है जो चुपके से आपकी जेब काटता रहता है! जब आप कोई ऑर्डर लगाते हैं तो उम्मीद करते हैं कि वह आपके तय कीमत पर ही एक्जीक्यूट होगा, लेकिन असलियत में अक्सर ऐसा नहीं होता। कीमतों में अचानक उछाल या गिरावट के कारण आपका ऑर्डर तय मूल्य से अलग प्राइस पर एक्जीक्यूट हो जाता है - इसे ही स्लिपेज कहते हैं। यह छोटा सा अंतर आपके मुनाफे को बड़ा नुकसान पहुँचा सकता है।
याद रखें: स्लिपेज समझना हर ट्रेडर के लिए उतना ही जरूरी है जितना कार चलाने से पहले ब्रेक सिस्टम को जानना! 🚦

What is Slippage In Trading

स्लिपेज क्या है? सरल भाषा में समझें 📖 : What is Slippage In Trading

स्लिपेज वह स्थिति है जब आपके ऑर्डर की एक्जीक्यूशन प्राइस, आपके द्वारा अपेक्षित प्राइस से अलग होती है। उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए आप ₹100 प्रति शेयर पर 100 शेयर खरीदना चाहते हैं। आप ऑर्डर देते हैं, लेकिन मार्केट में अचानक उछाल आ जाता है। परिणामस्वरूप, आपका ऑर्डर ₹102 पर एक्जीक्यूट हो जाता है। यह ₹2 का अंतर ही स्लिपेज है।
सारांश: स्लिपेज ऑर्डर कीमत और एक्जीक्यूशन कीमत के बीच का अवांछित अंतर है! 💰


स्लिपेज के प्रकार: अच्छा vs बुरा ⚖️

पॉजिटिव स्लिपेज (अच्छी खबर! 🎉)

जब मार्केट आपके पक्ष में चलता है! उदाहरण: आपने शेयर बेचने का ऑर्डर ₹100 पर दिया, लेकिन एक्जीक्यूशन ₹101 पर हुआ। यहाँ आपको ₹1 का अतिरिक्त लाभ हुआ।
खुशखबरी: पॉजिटिव स्लिपेज आपके मुनाफे को बढ़ा सकता है!

नेगेटिव स्लिपेज (खतरे की घंटी! ⚠️)

यह ट्रेडर का सबसे बड़ा दुश्मन है। उदाहरण: खरीदारी का ऑर्डर ₹100 पर दिया, लेकिन एक्जीक्यूशन ₹103 पर हुआ। नतीजा? आपने अनचाहे ₹3 ज्यादा चुकाए।
चेतावनी: नेगेटिव स्लिपेज सीधे आपकी जेब पर डाका डालता है!


स्लिपेज के 4 मुख्य कारण 🔍

1. बाजार की अस्थिरता (Volatility) 📈📉

जब समाचार या इवेंट्स के कारण मार्केट तेजी से ऊपर-नीचे होता है। जैसे: RBI ब्याज दर घोषणा के समय।
निष्कर्ष: उच्च अस्थिरता = स्लिपेज का खतरा अधिक!

2. कम लिक्विडिटी 💧

जब किसी शेयर या करेंसी में खरीदार-विक्रेता कम हों। उदाहरण: छोटी कंपनियों के शेयर।
सावधानी: कम लिक्विडिटी वाले एसेट्स में स्लिपेज का जोखिम ज्यादा होता है!

3. बड़े ऑर्डर साइज़ 🐘

जब आप बाजार की क्षमता से बड़ा ऑर्डर देते हैं। उदाहरण: निफ्टी के दिन में 5000 लॉट्स का ऑर्डर।
ध्यान रखें: बड़े ऑर्डर स्लिपेज को न्योता देते हैं!

4. मार्केट ऑर्डर का उपयोग 🛒

मार्केट ऑर्डर तुरंत भरने पर जोर देता है, भले कीमत कुछ भी हो। लिमिट ऑर्डर की तुलना में इसमें स्लिपेज का जोखिम 70% अधिक होता है।
सलाह: मार्केट ऑर्डर से बचें, खासकर अस्थिर समय में!


स्लिपेज मुनाफे को कैसे कुतरता है? 😱

मान लीजिए आप ₹100,000 के साथ ट्रेडिंग कर रहे हैं:

नेगेटिव स्लिपेज का उदाहरण:

  • अपेक्षित खरीद मूल्य: ₹100
  • वास्तविक खरीद मूल्य: ₹102 (स्लिपेज: ₹2)
  • बेचने पर लाभ: ₹105
  • वास्तविक लाभ = (105-102) = ₹3 प्रति शेयर
  • स्लिपेज के बिना लाभ होता = (105-100) = ₹5

यानी स्लिपेज ने आपके मुनाफे में 40% की कटौती कर दी!
गणित सिखाता है: छोटा सा स्लिपेज भी बड़े मुनाफे को निगल जाता है! 🧮


स्लिपेज से बचने के 5 जबरदस्त तरीके 🛡️

1. लिमिट ऑर्डर को प्राथमिकता दें 🔒

लिमिट ऑर्डर में आप कीमत तय करते हैं। ऑर्डर सिर्फ तभी एक्जीक्यूट होगा जब मार्केट आपकी तय कीमत पर आएगा।
सुनहरा नियम: अस्थिर बाजार में लिमिट ऑर्डर ही आपकी सुरक्षा कवच है!

2. उच्च लिक्विडिटी वाले इंस्ट्रूमेंट्स चुनें 💧

Nifty, Bank Nifty, USD/INR जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में खरीदार-बेचने वाले भरपूर होते हैं।
स्मार्ट टिप: लिक्विडिटी जितनी ज्यादा, स्लिपेज उतना कम!

3. मार्केट समय से बचें ⏰

मार्केट खुलने (9:15 AM) और बंद होने (3:20 PM) के समय अस्थिरता सबसे ज्यादा होती है।
अनुभव की बात: ट्रेडिंग का सबसे सुरक्षित समय है 10:30 AM से 2:30 PM!

4. स्लिपेज टॉलरेंस सेट करें ⚙️

कुछ ब्रोकर (जैसे Zerodha) आपको स्लिपेज टॉलरेंस लिमिट सेट करने देते हैं। उदाहरण: "ऑर्डर ₹100 पर एक्जीक्यूट हो, लेकिन ₹101 से ऊपर नहीं!"
टेक्नोलॉजी का फायदा: इस टूल का उपयोग करना न भूलें!

5. न्यूज़ इवेंट्स के समय ट्रेड न करें 📢

GDP डेटा, चुनाव नतीजे, या कंपनी के नतीजों जैसे इवेंट्स के आसपास बाजार पागलों की तरह व्यवहार करता है।
स्ट्रेटजी: कैलेंडर चेक करें और जोखिम भरे समय में ट्रेडिंग पॉज करें!

यह भी पढ़ें: 👉👉 इंट्राडे ट्रेडिंग के वो 5 रहस्य जो कोई नहीं बताता


स्लिपेज के बारे में 3 भ्रम और सच्चाई 🧠❌

भ्रम 1: "स्लिपेज सिर्फ फॉरेक्स ट्रेडिंग में होता है"

सच्चाई: यह स्टॉक, कमोडिटी, क्रिप्टो हर जगह होता है!
तथ्य: जहाँ मार्केट है, वहाँ स्लिपेज का खतरा है!

भ्रम 2: "छोटे ट्रेडर्स को स्लिपेज नहीं होता"

सच्चाई: बड़े ऑर्डर में स्लिपेज ज्यादा होता है, पर छोटे ट्रेडर्स भी इससे अछूते नहीं!
आँकड़े: 5% से ज्यादा ट्रेड्स में स्लिपेज होती है, चाहे ऑर्डर साइज कुछ भी हो!

भ्रम 3: "ब्रोकर जानबूझकर स्लिपेज पैदा करते हैं"

सच्चाई: ज्यादातर मामलों में ब्रोकर का कोई दोष नहीं। यह मार्केट कंडीशन का नतीजा होता है।
स्पष्टीकरण: STP/ECN ब्रोकर्स में तो स्लिपेज और भी कॉमन है!


निष्कर्ष: स्लिपेज पर विजय पाने की कला 🏆

स्लिपेज ट्रेडिंग का अनिवार्य हिस्सा है, लेकिन इसे नियंत्रित करना आपके हाथ में है! लिमिट ऑर्डर का उपयोग, उच्च लिक्विडिटी वाले इंस्ट्रूमेंट्स का चुनाव, और बाजार के समय को समझना - ये तीन मंत्र आपको नेगेटिव स्लिपेज से बचा सकते हैं। याद रखें, एक सफल ट्रेडर वह नहीं जो सिर्फ मुनाफा कमाए, बल्कि वह जो नुकसान को कम करना जानता हो!
अंतिम सूत्र: स्लिपेज से डरें नहीं, इसे समझें और नियंत्रित करें! 🛡️💪


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) ❓

1. क्या स्लिपेज हमेशा नुकसानदायक होता है?

नहीं! पॉजिटिव स्लिपेज में आपको फायदा होता है। जैसे बेचने के ऑर्डर उच्च कीमत पर एक्जीक्यूट होना। पर नेगेटिव स्लिपेज अधिक आम है।
सार: स्लिपेज दो धारी तलवार है!

2. क्या स्लिपेज केवल Intraday Trading में होता है?

नहीं। स्विंग ट्रेडिंग और लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट में भी हो सकता है, खासकर जब आप बड़े ऑर्डर देते हैं या मार्केट अचानक गैप करता है।
तथ्य: मार्केट खुलने पर गैप के कारण स्लिपेज आम है!

3. स्लिपेज को पूरी तरह रोका जा सकता है?

नहीं, लेकिन कम किया जा सकता है। लिमिट ऑर्डर, लिक्विडिटी चुनाव और ट्रेडिंग टाइमिंग से आप जोखिम 80% तक घटा सकते हैं।
व्यावहारिक सलाह: पूर्ण नियंत्रण असंभव है, पर प्रबंधन जरूरी है!

4. क्या क्रिप्टो ट्रेडिंग में स्लिपेज ज्यादा होता है?

हाँ! क्रिप्टो बाजार अस्थिर और कम लिक्विड है। BTC या ETH जैसे बड़े कोइन्स में भी अचानक प्राइस स्विंग होते हैं।
चेतावनी: क्रिप्टो में स्लिपेज टॉलरेंस जरूर सेट करें!

5. क्या ब्रोकर स्लिपेज से पैसा कमाते हैं?

जी नहीं। स्लिपेज का ब्रोकर की कमाई से कोई सीधा संबंध नहीं। यह मार्केट कंडीशन का परिणाम है।
स्पष्टीकरण: ECN ब्रोकर तो स्लिपेज पर कमीशन भी नहीं लेते!


नोट: यह लेख मूल शोध और ट्रेडिंग अनुभव पर आधारित है। आँकड़े NSE, BSE और फॉरेक्स मार्केट एनालिसिस से लिए गए हैं। स्लिपेज को नियंत्रित कर आप अपने मुनाफे की सुरक्षा कर सकते हैं! 📊🔒


❌ डिस्क्लेमर (Disclaimer)

यह लेख केवल शिक्षा के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी हुई जानकारी किसी भी प्रकार से किसी भी स्टॉक या आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में बिना अपने वित्तीय सलाहकार से विचार विमर्श किये निवेश ना करें। इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर हुए किसी भी नुकसान या वित्तीय हानि के लिए लेखक, या वेबसाइट को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।  

लेखक: हेमंत सैनी (Hemant Saini)

हेमंत सैनी एक SEBI Guidelines, IPO Research और Trading Psychology में विशेषज्ञ हैं।
🧠 पिछले 5+ सालों से शेयर मार्केट इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं।
💬 Har Ghar Trader के माध्यम से, उद्देश्य है – भारत के हर घर तक सुरक्षित और समझदारी से निवेश की जानकारी पहुंचाना।

✉️ Contact: iamhsaini@gmail.com
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⚠️ अस्वीकरण (Disclaimer): यह जानकारी केवल शिक्षा और रिसर्च उद्देश्यों के लिए है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। SEBI Registered Advisor की सलाह लेना हमेशा बेहतर है।

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