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परिचय: कैंडलस्टिक पैटर्न
टेक्निकल एनालिसिस में कैंडलस्टिक पैटर्न का बहुत महत्व है। यह स्टॉक, इंडेक्स, या क्रिप्टो जैसे बाजारों में ट्रेंड विश्लेषण और ट्रेंड रिवर्सल के लिए इस्तेमाल होते हैं। जब भी चार्ट पर कैंडलस्टिक पैटर्न बनता है तो वहां कुछ ना कुछ संकेत जरूर मिलता है। कैंडलस्टिक पैटर्न एक जापानी चावल के व्यापारी होमा मुनेशिया द्वारा निर्मित किये गए थे जो कि खरीदने वाले और बेचने वाले दोनों के मनोविज्ञान को दर्शाते हैं। इस लेख के माध्यम से हम सभी कैंडलस्टिक पैटर्न जैसे बुलिश और बेयरिश कैंडलस्टिक को कवर करेंगे। यदि आप शेयर बाजार में बिलकुल नए हैं शेयर बाजार क्या है वाला लेख पढ़ें।
कैंडलस्टिक की संरचना:
आपको यह जरूर पता होना चाहिए कि एक कैंडलस्टिक बनती कैसे है। तो आइये जानते हैं किस प्रकार एक कैंडल का निर्माण चार्ट के ऊपर होता है।
कैंडलस्टिक बॉडी: कैंडल के ओपनिंग प्राइस और क्लोजिंग प्राइस के बीच जो अंतर होता है उसे कैंडलस्टिक बॉडी कहते हैं।
- हरी बॉडी कैंडल: इस कैंडल में क्लोजिंग प्राइस ओपन प्राइस से बड़ा होता है। इससे पता लगता है कि खरीदारी का दबाव है।
- लाल बॉडी कैंडल: इसमें क्लोजिंग प्राइस ओपन प्राइस से नीचे होता है जो दर्शाता है कि बेचने वाले ज्यादा हैं और बिकवाली का दबाव है।
विक (Wick/Shadow): यह कैंडल के हाई और लो प्राइस को बताती है। मान लीजिये 5 मिनट की कैंडल अभी चार्ट पर बन रही है तो 5 मिनट टाइम फ्रेम का एक लो और हाई प्राइस होगा जिसे विक या शैडो बोल सकते हैं।
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Candlestick Basic |
कैंडल का आकार: यदि एक लम्बी ग्रीन कैंडल चार्ट पर बनती है तो यह खरीदारों की शक्ति को दिखाता है और यदि बड़ी रेड कैंडल बनती है तो यह बिकवाली का संकेत देती है। यदि कैंडल छोटी है और बॉडी भी छोटी है तो यह अनिर्णय को दर्शाता है। कैंडलस्टिक पैटर्न इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग और निवेश के लिए काफी मदद करते हैं
कैंडलस्टिक का चार्ट पर बनने का महत्व:
- ट्रेंड: इस बुलिश और बेयरिश ट्रेंड की स्तिथि पता लगती है।
- रिवर्सल: कहाँ से ट्रेंड बदल सकता है यह कैंडलस्टिक की समझ से पता लगाया जा सकता है।
- मनोविज्ञान: कैंडलस्टिक से खरीदने और बेचने वाले दोनों की माइंड सेट का पता लगता है कि उनका अगला कदम क्या हो सकता है।
- लचीलापन: जहाँ पर कैंडलस्टिक पैटर्न बनते हैं वहां पर अधिक लिक्विडिटी देखने को मिलती है।
कैंडलस्टिक टाइम फ्रेम
- डे ट्रेडिंग: इस तरह की ट्रेडिंग में 1-15 मिनट की टाइम फ्रेम का इस्तेमाल होता है।
- स्विंग ट्रेडिंग: इस तरह की ट्रेडिंग में 1-4 घंटे की टाइम फ्रेम का इस्तेमाल होता है।
- निवेश: इसके लिए वीकली और मंथली टाइम फ्रेम का इस्तेमाल होता है।
सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न:
इस तरह की कैंडलस्टिक पैटर्न केवल एक ही कैंडल वाले होते हैं। जो ट्रेंड रिवर्सल का अच्छा संकेत देते हैं। इसके अंदर भी दो तरह की पैटर्न बुलिश और बेयरिश कैंडलस्टिक होती हैं।
बुलिश सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न
1. हैमर (Hammer) कैंडलस्टिक:
विशेषता: इस कैंडल में छोटी बॉडी ऊपर की तरफ और नीचे की तरफ लम्बी विक/शैडो होती है जो कि बॉडी का 2-3 गुना हो सकती है।
बनने का स्थान: यह सपोर्ट की पास और डाउन ट्रेंड की खत्म होने पर दिखाई दे सकती है।
पीछे का मनोविज्ञान: मंदी करने वाले भाव को नीचे धकेलते हैं और एक दम से खरीदारों के आने की वजह से बुलिश रिवर्सल देखने को मिलता है। ऐसा होने पर हैमर कैंडल बनती है जिसे आप तस्वीर में देख सकते हैं।
पहचान करने का तरिके: इसके लिए एक स्ट्रांग सपोर्ट को देखा जाता है यदि वहां पर हैमर कैंडल बनती है और RSI भी 30 से नीचे हो और राउंड नंबर भी हो तो बुलिश रिवर्सल का संकेत मिलता है।
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Hammer Candlestick Pattern |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: हैमर बनने की बाद एक और ग्रीन फुल बॉडी कैंडल बनने का इंतजार करना जरूरी है।
- एंट्री: इसके लिए ग्रीन कैंडल की हाई टूटने का इंतजार करना होता है।
- स्टॉप-लॉस: हैमर कैंडल के लो के नीचे रखा जाता है।
- टारगेट: कम से कम स्टॉप लॉस का दोगुना या तीन गुना और रेजिस्टेंस एरिया तक।
उदाहरण: मान लीजिये किसी स्टॉक में 100 रूपए की भाव पर हैमर बना और इसके बाद एक ग्रीन कैंडल बनी और उसका हाई टूटा तो एंट्री की जा सकती है और यदि हैमर का लो 97 रूपए है तो स्टॉप लॉस भी वही होगा। टारगेट अगला रेजिस्टेंस बनाया जा सकता है।
सावधानी बरतें: बिना कन्फर्मेशन की ट्रेड नहीं करनी चाहिए। जब सभी कंडीशन चार्ट पर बनें तभी ट्रेड करें और इसके साथ ने चीजों को जरूर देखें।
2. बुलिश मारुबोज़ु (Bullish Marubozu)
विशेषता: इसमें एक बड़ी फुल बॉडी बिना लोअर और अपर विक/शैडो की ग्रीन कैंडल बनती है।
बनने का स्थान: यह अपट्रेंड में भी बन सकती है और डाउन ट्रेंड की खत्म होने की बाद भी बन सकती है।
पीछे का मनोविज्ञान: यह खरीदारों के मजबूत निर्णय को दर्शाती है और इस से बुलिश सेंटीमेंट का पता चलता है।
पहचान करने का तरीका: चलते हुए अपट्रेंड में यह बन सकती है प्राइस 50 मूविंग एवरेज से ऊपर होना चाहिए।
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Bullish Marubozu Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- एंट्री: मारुबोज़ु कैंडल के हाई टूटने पर एंट्री बनाई जा सकती है।
- स्टॉप-लॉस: मारुबोज़ु कैंडल के लो के नीचे रखा जा सकता है।
- टारगेट: रेजिस्टेंस लेवल देखें या स्टॉप लॉस का दो गुना।
उदाहरण: मान लीजिये स्ट्रांग सपोर्ट पर या फिर चलते हुए अपट्रेंड में यह कैंडल बनती है तो इस कैंडल के ऊपर ख़रीदा जा सकता है और इसी कैंडल का स्टॉप लॉस रखा जा सकता है।
सावधानी बरतें: यह कैंडल रेजिस्टेंस लेवल पर ना देखें वहां इसकी कोई वैल्यू नहीं है। यह स्ट्रांग सपोर्ट पर बननी चाहिए या फिर अपट्रेंड में रेजिस्टेंस से पहले।
3. इन्वर्टेड हैमर (Inverted Hammer)
विशेषता: इस तरह की कैंडल में छोटी बॉडी नीचे की तरफ और ऊपर की तरफ लम्बी विक/शैडो होती है। यह हैमर कैंडल की बिलकुल उलटी होती है।
बनने का स्थान: यह दो ट्रेंड की पूरा होने के बाद सपोर्ट एरिया पर दिखाई देती है।
पीछे का मनोविज्ञान: यह कैंडल दिखने में बेयरिश लगती है लेकिन यह एक बुलिश संकेत देती है।
पहचान करने का तरीका: यह किसी स्ट्रांग सपोर्ट एरिया और राउंड नंबर जैसे 1000, 1500 के भाव पर दिखाई देती है। इसमें खरीदार के कॉन्फिडेंस को कमजोर किया जाता है लेकिन फिर भी यह एक रिवर्सल देकर चली जाती है।
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Inverted hammer example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: इस कैंडल के बनने के बाद एक और ग्रीन कैंडल बननी जरूरी है।
- एंट्री: ग्रीन कैंडल के हाई के ऊपर एंट्री बनी जा सकती है।
- स्टॉप-लॉस: इनवर्टेड हैमर के लो के नीचे रखा जा सकता है।
- टारगेट: रेजिस्टेंस एरिया देखें या फिर रिस्क रिवॉर्ड पर ध्यान दें।
उदाहरण: मान लीजिये किसी स्टॉक में स्ट्रांग सपोर्ट जोन पर 1500 के लेवल पर इनवर्टेड हैमर दिखाई दे और इसके बाद एक और फुल बॉडी ग्रीन कैंडल बने तो इसके हाई के ऊपर एंट्री बनाई जा सकती है और यदि 1498 इनवर्टेड हैमर का लो है तो स्टॉप लॉस भी वही होगा।
सावधानी बरतें: बिना सोचे समझे इस कैंडल पर ट्रेड ना करें। इस कैंडल के साथ, इंडिकेटर, राउंड नंबर, सपोर्ट जोन का भी सहारा लें।
4. ड्रैगनफ्लाई डोजी (Dragonfly Doji)
विशेषता: इसमें बॉडी छोटी या ना के बराबर होती है। ऊपर की विक मामूली सी और नीचे की विक काफी बड़ी होती है। दिखने में यह हैमर जैसी है लेकिन हैमर में बॉडी होती है इसमें बॉडी ना के बराबर होती है।
बनने का स्थान: यह डाउन ट्रेंड के अंत में देखने को मिलती है।
पीछे का मनोविज्ञान: बेचने वाले भाव को नीचे ले जाते हैं और पूरी ताकत के साथ खरीदार एंट्री करते हैं तो यह कैंडल चार्ट पर बनती है।
पहचान करने का तरीका: बढ़ती वॉल्यूम, स्ट्रांग सपोर्ट, राउंड नंबर से इसकी पहचान की जा सकती है।
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Dragonfly Doji Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: इसकी अगली कैंडल ग्रीन होनी चाहिए।
- एंट्री: ग्रीन कैंडल की हाई टूटने पर एंट्री बनाई जा सकती है।
- स्टॉप-लॉस: ड्रैगनफ्लाई डोजी के लो के नीचे रखा जा सकता है।
- टारगेट: अगला रेजिस्टेंस या फिर स्टॉप लॉस का दोगुना, तीन गुना
उदाहरण: मान लीजिये किसी स्टॉक में यह कैंडल दिखाई देती है यदि यह भाव 1000 राउंड नंबर पर बनी है और स्ट्रांग सपोर्ट भी है तो अगली ग्रीन कैंडल बनने का इंतजार करें और उसके हाई के ऊपर एंट्री का प्लान करें।
सावधानी बरतें: यदि आप रिवर्सल ट्रेडिंग के एक्सपर्ट हैं तो इस कैंडल के साथ अन्य चीजें जैसे सपोर्ट, राउंड नंबर, RSI इत्यादि देखें।
5. बुलिश स्पिनिंग टॉप (Bullish Spinning Top)
विशेषता: इस कैंडल में ऊपर और नीचे लम्बी विक/शैडो होती है और बीच में बॉडी होती है। यह ग्रीन रेड किसी भी कलर की हो सकती है।
बनने का स्थान: इस कैंडल को अक्सर डाउन ट्रेंड में देखा जाता है। यह तब बनती है जब भाव ऊपर जाने होते हैं।
पीछे का मनोविज्ञान: इस कैंडल के बनने के पीछे का कारण है खरीदार और विक्रेता की बीच अनिर्णय की स्तिथि होना। जब भाव काफी गिर चूका होता है तो इस कैंडल का बनना बुलिश रिवर्सल का संकेत होता है।
पहचान करने का तरीका: जब वॉल्यूम गिर जाते हैं और स्ट्रांग सपोर्ट पर भाव आकर खड़ा हो जाता है।
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Bullish spinning top example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: अगली कैंडल हरे रंग की होना अनिवार्य है।
- एंट्री: हरी कैंडल का हाई टूटने पर एंट्री बनती है।
- स्टॉप-लॉस: स्पिनिंग टॉप कैंडल के लो के नीचे रखा जा सकता है।
- टारगेट: इसके लिए रिस्क रिवॉर्ड और रेजिस्टेंस लेवल को मार्क करें।
उदाहरण: मान लीजिये कोई स्टॉक काफी गिर चूका है और अब अपने इम्पोर्टेन्ट राउंड नंबर जैसे 500 रूपए और स्ट्रांग सपोर्ट एरिया पर आ चूका है तो इस तरह की कैंडल का बनना बुलिश रिवर्सल का संकेत हो सकता है।
सावधानी बरतें: यह कैंडल केवल स्ट्रांग सपोर्ट पर ही काम करते हैं। चलते ट्रेंड की बीच में ऐसी कैंडल बनने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ना चाहिए। रेजिस्टेंस एरिया पर ऐसी कैंडल को ना देखें।
डिस्क्लेमर: बिना बैकटेस्ट किये किसी भी कैंडलस्टिक पैटर्न को ट्रेड बिलकुल ना करें। यह केवल शिक्षा के उदेश्य से है ट्रेड की सलाह बिलकुल भी नहीं है।
बेयरिश सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न
1. शूटिंग स्टार (Shooting Star)
विशेषता: यह कैंडल दिखने में इनवर्टेड हैमर कैंडल जैसी दिखाई देती है लेकिन दोनों का काम अलग है। शूटिंग स्टार रेजिस्टेंस एरिया पर बेहतर काम करती है। इसमें ऊपर की तरफ बड़ी विक/शैडो और नीचे की तरफ छोटी बॉडी होती है। यह ग्रीन रेड किसी भी कलर की हो सकती है।
बनने का स्थान: यह आप ट्रेंड की अंत में रेजिस्टेंस एरिया पर दिखाई देती है। इसका काम अपट्रेंड पर रोक लगाकर भाव को नीचे धकेलना है।
पीछे का मनोविज्ञान: जब खरीदने वाले भाव को ऊपर लेकर जाते हैं तब बेचने वाले एंटर करते हैं और भाव को नीचे की तरफ धकेलते हैं जिससे शूटिंग स्टार बनती है और बेयरिश रिवर्सल बनता है।
पहचान करने का तरीका: इसकी पहचान स्ट्रांग रेजिस्टेंस लेवल, ड्राई वॉल्यूम, और RSI 70 से ऊपर हो तो की जा सकती है।
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Shooting Star Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: अगली कैंडल रेड बननी चाहिए
- एंट्री: रेड कैंडल की लो टूटने पर एंट्री बनाई जा सकती है।
- स्टॉप-लॉस: शूटिंग स्टार कैंडल के हाई के ऊपर रखा जा सकता है।
- टारगेट: इसके लिए पास के सपोर्ट को देखें।
उदाहरण: मान लीजिये किसी स्टॉक का भाव उसके स्ट्रांग रेजिस्टेंस एरिया पर और राउंड नंबर 1500 रूपए के पास आ गया है और यह कैंडल हमें देखने को मिल रही है साथ में RSI भी ओवर बोट बता रहा है तो इसको ट्रेड किया जा सकता है।
सावधानी बरतें: इसे रेजिस्टेंस पर ही देखें। चलते ट्रेंड के बीच में इसका कोई महत्व नहीं है।
2. बेयरिश मारुबोज़ु (Bearish Marubozu)
विशेषता: इस कैंडल में फुल बॉडी होती है जो की लाल कलर की होती है। यह स्ट्रांग बेयरिश सेंटीमेंट को दर्शाती है।
बनने का स्थान: ये अपट्रेंड की अंत में या फिर चलते हुए डाउन ट्रेंड में देखी जा सकती है।
पीछे का मनोविज्ञान: इसमें बेचने वाले ज्यादा हावी होते हैं और इससे पता चलता है कि भाव और भी ज्यादा नीचे जा सकता है।
पहचान करने का तरीका: यह रेजिस्टेंस एरिया पर अधिक वॉल्यूम की साथ दिखाई दे सकती है।
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Bearish Marubozu Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- एंट्री: मारुबोज़ु कैंडल की लो टूटने पर एंट्री बनाई जा सकती है।
- स्टॉप-लॉस: इसी कैंडल के हाई का रखा जाता है।
- टारगेट: इसके लिए रिस्क रिवॉर्ड 1:2 या सपोर्ट एरिया को देखें।
उदाहरण: मान लीजिये कोई स्टॉक अपने रेजिस्टेंस एरिया पर आता है जहाँ राउंड नंबर 1200 रूपए हो और यह कैंडल देखने को मिले तो इसके लो के नीचे एंट्री और इसी के हाई को स्टॉप लॉस रखकर ट्रेड किया जा सकता है।
सावधानी बरतें: इसके लिए स्ट्रांग रेजिस्टेंस एरिया राउंड नंबर के साथ और RSI ओवर बोट स्तिथि को जांचें।
3. हैंगिंग मैन (Hanging Man)
विशेषता: यह दिखने भी बिलकुल हैमर कैंडल लगती है लेकिन इसका कार्य अपट्रेंड पर रोक लगाकर डाउन ट्रेंड में बदलना है। इसमें बॉडी ऊपर की तरफ और नीचे की तरफ लम्बी विक/शैडो होती है।
बनने का स्थान: यह कैंडल अपट्रेंड की खत्म होने की बाद रेजिस्टेंस एरिया पर दिखाई देती है।
पीछे का मनोविज्ञान: बेचने वाले भाव को नीचे की तरफ धकेलते हैं लेकिन तेजी वाले भाव को ऊपर की तरफ ले जाते हैं और कैंडल ऊपर क्लोज हो जाती है। लेकिन फिर भी बेयरिश ट्रेंड शुरू हो जाता है।
पहचान करने का तरीका: यह कैंडल स्ट्रांग रेजिस्टेंस पर देखने को मिलती है इसके साथ RSI, वॉल्यूम का इस्तेमाल जरूरी है।
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Hanging Man Candlestick Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: अगली कैंडल रेड बननी चाहिए और उसके लो की नीचे एंट्री बनाई जा सकती है।
- एंट्री: रेड कैंडल की लो टूटने का इंतजार करें।
- स्टॉप-लॉस: हैंगिंग मैन कैंडल के हाई के स्टॉप लॉस रखा जा सकता है।
- टारगेट: इसके लिए अपने रिस्क रिवॉर्ड और सपोर्ट एरिया को जांचें।
उदाहरण: मान लीजिये कोई स्टॉक अपट्रेंड की बाद अपने स्ट्रांग रेजिस्टेंस एरिया और राउंड नंबर जैसे 800 पर आ जाता है और यह कैंडल चार्ट पर दिखाई दे तो इस से यह पता चलता है कि भाव नीचे आ सकता है।
सावधानी रखें: केवल इस अकेली ही कैंडल के भरोसे ना चलें, इसके साथ रेजिस्टेंस, राउंड नंबर, RSI की ओवर बोट स्तिथि को भी जांचें।
4. ग्रेवस्टोन डोजी (Gravestone Doji)
विशेषता: इस कैंडल में बॉडी नीचे और ना के बराबर, ऊपर की तरफ बड़ी विक/शैडो होती है। यह चलते हुए अपट्रेंड को डाउन ट्रेंड में बदलने का कार्य करती है।
बनने का स्थान: अपट्रेंड की खत्म होने की बाद स्ट्रांग रेजिस्टेंस एरिया पर दिखाई देती है।
पीछे का मनोविज्ञान: खरीदने वाले भाव को ऊपर तक ले जाते हैं लेकिन बेचने वालों की स्ट्रांग एंट्री से कैंडल नीचे बंद हो जाती है जो कि मंदी का संकेत देती है।
पहचान करने का तरीका: इसे पहचानने की लिए स्ट्रांग रेजिस्टेंस, राउंड नंबर, RSI>70 देखें।
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Gravestone Doji Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: अगली कैंडल रेड होनी अनिवार्य है।
- एंट्री: रेड कैंडल का लो टूटने पर एंट्री की जा सकती है।
- स्टॉप-लॉस: ग्रेवस्टोन डोजी के हाई के ऊपर स्टॉप लॉस रखा जा सकता है।
- टारगेट: इसके लिए पास का सपोर्ट एरिया देखें जहाँ से भाव दोबारा ऊपर जाने के चांस बन सकते हों।
उदाहरण: मान लीजिये किसी स्टॉक में अपट्रेंड जारी है और रेजिस्टेंस एरिया और राउंड नंबर आने ही वाला है और यह कैंडल बनती हुई नजर आये तो इस कैंडल को मंदी की तरफ ट्रेड किया जा सकता है।
सावधानी: इस कैंडल के साथ अन्य कन्फर्मेशन, जैसे मूविंग एवरेज, राउंड नंबर, RSI का उपयोग जरूर करें।
5. बेयरिश स्पिनिंग टॉप (Bearish Spinning Top)
विशेषता: यह दिखने में बिलकुल बुलिश स्पिनिंग टॉप की तरह है। फर्क इतना है कि यह कैंडल रेजिस्टेंस एरिया पर बनती है और अपट्रेंड को डाउन ट्रेंड में बदलने का कार्य करती है। इसमें ऊपर और नीचे लम्बी विक और बीच में छोटी बॉडी होती है जो कि रेड, ग्रीन कुछ भी हो सकती है।
बनने का स्थान: अपट्रेंड खत्म होने की बाद रेजिस्टेंस एरिया पर यह दिखाई देती है।
पीछे का मनोविज्ञान: यह खरीदने और बेचने वाले दोनों के बीच अनिर्णय को दर्शाता है। यह एक बेयरिश रेवेर्सल का संकेत हो सकता है।
पहचान करने का तरीका: इसकी पहचान के लिए रेजिस्टेंस एरिया मार्क करना जरूरी है।
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Bearish Spinning Top Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: अगली कैंडल रेड बननी जरूरी है तभी इस कैंडल का महत्व होगा।
- एंट्री: रेड कैंडल के लो के नीचे ही एंट्री बनाई जा सकती है।
- स्टॉप-लॉस: स्पिनिंग टॉप कैंडल के हाई को SL रखा जा सकता है।
- टारगेट: इसके लिए अपोजिट बुलिश कैंडल पैटर्न, सपोर्ट को ध्यान में रखा जा सकता है।
उदाहरण: मान लीजिये 2000 के भाव पर किसी स्टॉक में स्पिनिंग टॉप बनती है और इसका 2010 है तो यही इसका स्टॉप लॉस रहेगा और एक रेड कैंडल बनने के बाद उसके लो के नीचे एंट्री होगी।
सावधानी बरतें: इस कैंडल का इस्तेमाल अन्य चीजों जैसे रेजिस्टेंस एरिया, राउंड नंबर, और RSI ओवर बोट स्तिथि को जांच कर करें।
6. डोजी (Doji)
विशेषता: यह एक विशेष प्रकार की कैंडल है जिसमें ओपन क्लोज लगभग बराबर और ऊपर नीचे विक/शैडो होती है।
बनने का स्थान: यह किसी भी ट्रेंड अपट्रेंड और दोनट्रेंड की खत्म होने के बाद बन सकती है।
पीछे का मनोविज्ञान: यह कैंडल बताती है कि खरीदार और बेचने वाले दोनों में अनिर्णय हो सकता है। यह ट्रेंड कंटीन्यूएशन और ट्रेंड रिवर्सल दोनों का कार्य करती है।
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Doji Example |
डोजी के प्रकार: (Types of Doji)
- स्टैंडर्ड डोजी: यह एक सामान्य डोजी होती है जिसमें ऊपर नीचे माध्यम विक और बीच में हलकी बॉडी होती है।
- लॉन्ग-लेग्ड डोजी: इसमें विक्स लम्बी होती हैं और यह मजबूत अनिर्णय को दर्शाती है।
- डोजी की पहचान: यह सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल पर अधिक देखने को मिलती है।
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: जब अगली कैंडल इसका लो तोड़ती है तब एंट्री बनाई जा सकती है।
- एंट्री: बुलिश एंट्री की लिए इसके हाई पर एंट्री लो का स्टॉप लॉस और बेयरिश एंट्री में इसके लो की नीचे एंट्री और हाई का स्टॉप लॉस लगाया जा सकता है।
- स्टॉप-लॉस: इस कैंडल की हाई लो की नीचे जिस भी डायरेक्शन में ट्रेड मिले।
उदाहरण: मान लीजिये किसी स्टॉक में सपोर्ट जोन पर डोजी दिखाई देती है और उसका लो टूटता है तो इसके लो के नीचे सेल्लिंग के बारे में सोच सकते हैं और इसके हाई को स्टॉप लॉस मान सकते हैं।
सावधानी: यह ट्रेंड के बीच में भी बनती रहती है इसलिए ध्यान रखें कि इसे सपोर्ट और रेजिस्टेंस पर देखा जाये तो बढ़िया रिजल्ट मिलते हैं।
डबल कैंडलस्टिक पैटर्न
यह कैंडलस्टिक पैटर्न दो कैंडल से मिलकर बनते हैं जो ट्रेंड रिवर्सल और कंटीन्यूएशन का संकेत देते हैं।
बुलिश डबल कैंडलस्टिक पैटर्न
1. बुलिश एंगुलफिंग (Bullish Engulfing)
विशेषता: इसमें पहली कैंडल रेड कैंडल होती है और दूसरी कैंडल बड़ी ग्रीन होती है जो पिछले वाली रेड कैंडल को पूरी तरह से निगल लेती है।
बनने का स्थान: यह पैटर्न डाउन ट्रेंड के खतम होने के बाद दिखाई देता है।
पीछे का मनोविज्ञान: जब बेचने वाले कमजोर पड़ जाते हैं और खरीदने वाले स्ट्रांग होते हैं तो यह बुलिश रिवर्सल का संकेत देता है।
पहचान करने का तरीका: यह पैटर्न स्ट्रांग सपोर्ट और राउंड नंबर पर देखने को मिलता है।
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Bullish Engulfing Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: ग्रीन कैंडल ही इस पैटर्न को पूरा करती है यदि वह स्ट्रांग है और रेड कैंडल का लो हाई दोनों को ब्रेक करके बंद हुई है तो ट्रेड करने का मौका प्रदान करती है।
- एंट्री: ग्रीन कैंडल के हाई के ऊपर एंट्री प्लान की जा सकती है।
- स्टॉप-लॉस: दोनों कैंडल में जिसका लो बड़ा होगा उसका स्टॉप लॉस रखा जा सकता है।
- टारगेट: इसके लिए नेक्स्ट रेजिस्टेंस लेवल को मार्क करें।
सावधानी बरतें: इस कैंडलस्टिक को सपोर्ट पर ही देखें। और अन्य चीजों जैसे इंडिकेटर, वॉल्यूम का भी इस्तेमाल करें।
2. बुलिश हरामी (Bullish Harami)
विशेषता: इस तरह की कैंडल में पहली बड़ी रेड कैंडल बनती है और अगली कैंडल इसी रेड के भीतर छोटी सी ग्रीन कैंडल होती है। ग्रीन कैंडल रेड का लो ब्रेक नहीं करती।
बनने का स्थान: यह डाउन ट्रेंड की खत्म होने की बाद दिखाई दे सकती है।
पीछे का मनोविज्ञान: बेचने वालों की संख्या कम होती है और खरीदने वालों की संख्या बढ़ती है और ट्रेंड कुछ समय या हमेशा के लिए बदल जाता है।
पहचान करने का तरीका: इसे पहचानने के लिए सपोर्ट को मार्क करना जरूरी है।
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Bullish Harami Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: ग्रीन कैंडल के हाई के टूटने पर भी ख़रीदा जा सकता है क्यूंकि स्टॉप लॉस छोटा मिलता है। और कन्फर्मेशन के लिए अगली ग्रीन कैंडल का इंतजार भी किया जा सकता है।
- एंट्री और स्टॉप लॉस: पूरे पैटर्न में रेड कैंडल का जो लो होगा वही स्टॉप लॉस रखा जा सकता है।
सावधानी रखें: इस पैटर्न को स्ट्रांग सपोर्ट जोन पर ही राउंड नंबर के पास देखें।
3. ट्वीजर बॉटम (Tweezer Bottom)
विशेषता: इसमें पहली कैंडल रेड और दूसरी कैंडल ग्रीन होती है और दोनों का लो एक समान होता है।
बनने का स्थान: डाउन ट्रेंड पूरा होने के बाद यह पैटर्न दिखाई देता है।
पीछे का मनोविज्ञान: बेचने वाले असफल होते हैं और खरीदने वाले सपोर्ट प्रदान करते हैं। जिससे दोनों के लो बराबर हो जाते हैं।
पहचान करने का तरीका: इसे आप सपोर्ट लेवल पर डाउन ट्रेंड होने के बाद देख सकते हैं।
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Tweezer Bottom Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: बुलिश कैंडल बनने के बाद और दोनों के लो बराबर हैं यह कन्फर्म होने बाद इसे ट्रेड किया जा सकता है।
- एंट्री: बुलिश यानि ग्रीन कैंडल के हाई के ऊपर एंट्री हो सकती है।
- स्टॉप-लॉस: दोनों का लो बराबर है तो स्टॉप लॉस किसी के भी लो के नीचे रखा जा सकता है।
सावधानी बरतें: फेक ब्रेकडाउन से बचें। कभी- कभी यह सपोर्ट के टूटने के बाद बनता है तो सेल्लिंग साइड ना जाएँ।
4. बुलिश काउंटरअटैक (Bullish Counterattack)
विशेषता: इसमें पहली कैंडल बड़ी रेड और अगली कैंडल बड़ी ग्रीन होती है और गैप डाउन के बाद ऊपर बंद होती है।
बनने का स्थान: यह बड़े गैप डाउन के बाद डाउन ट्रेंड में बनती है।
पीछे का मनोविज्ञान: मंदी करने वाले गैप डाउन करवाते हैं और खरीदने वाले जवाब देते हैं और कैंडल बुलिश क्लोज देती है।
पहचान करने का तरीका: सपोर्ट एरिया पर गैप डाउन के बाद ऐसा पैटर्न बन सकता है।
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Bullish counterattack example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: दूसरी ग्रीन कैंडल कितनी बड़ी बनेगी उसके ऊपर निर्भर करता है।
- एंट्री: ग्रीन कैंडल के हाई के ऊपर एंट्री बनाई जा सकती है।
- स्टॉप-लॉस: ग्रीन कैंडल के लो के नीचे
- टारगेट: पास के रेजिस्टेंस को मार्क करें।
सावधानी बरतें: साथ में वॉल्यूम और कैंडल का साइज भी देखें।
5. पियर्सिंग लाइन (Piercing Line)
विशेषता: इसमें पहली कैंडल बड़ी फुल बॉडी रेड और दूसरी कैंडल भी फुल बॉडी ग्रीन होती है। गैप डाउन के बाद ग्रीन कैंडल रेड कैंडल कि आधी रेंज से ऊपर क्लोज देती है।
बनने का स्थान: डाउन ट्रेंड खत्म होने के बाद यह पैटर्न बनता है।
पीछे का मनोविज्ञान: सबसे पहले बेचने वाले हावी होते हैं और उसके बाद गैप डाउन के बाद सेलर को ट्रैप करके एक ग्रीन कैंडल क्लोज होती है।
पहचान करने का तरीका: यह सपोर्ट एरिया पर देखें और सपोर्ट लेवल्स को मार्क करके रखें।
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Piercing Line Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: दूसरी कैंडल जब रेड कैंडल की आधी से ऊपर क्लोज दे तभी इसे ट्रेड किया जा सकता है।
- एंट्री: ग्रीन का हाई टूटने पर एंट्री बनती है।
- स्टॉप-लॉस: पूरे पैटर्न में जिसका भी लो बड़ा हो वही स्टॉप लॉस होता है।
- टारगेट: इसके लिए अपने रिस्क रिवॉर्ड और पास की रेजिस्टेंस देखें।
सावधानी बरतें: पैटर्न को पूरा बनने दें।
बेयरिश डबल कैंडलस्टिक पैटर्न
1. बेयरिश एंगुलफिंग (Bearish Engulfing)
विशेषता: इसमें पहली कैंडल हरी होती है और दूसरी कैंडल बड़ी रेड जो ग्रीन कैंडल को पूरी तरह से निगल लेती है।
बनने का स्थान: अपट्रेंड पर रोक लगने के बाद यह पैटर्न दिखाई देते हैं।
पीछे का मनोविज्ञान: जब खरीदने वाले कमजोर पड़ते हैं और बेचने वाले हावी होते हैं तो यह पैटर्न बन जाता है।
पहचान करने का तरीका: यह आमतौर पर रेजिस्टेंस पर दिखाई देने वाला पैटर्न है।
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Bearish Engulfing Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: जब दूसरी रेड कैंडल बन जाती है तो उसके लो के नीचे सेल्लिंग प्लान की जा सकती है।
- एंट्री: रेड कैंडल की लो टूटने की बाद एंट्री बनती है।
- स्टॉप-लॉस: जिसका भी हाई बड़ा हो उसका स्टॉप लॉस रखा जा सकता है।
- टारगेट: आस पास के सपोर्ट एरिया को देखें।
सावधानी बरतें: बिना पैटर्न कम्पलीट हुए उत्सुकता में ट्रेड ना करें।
2. बेयरिश हरामी (Bearish Harami)
विशेषता: इसमें पहली कैंडल हरी होती है और दूसरी कैंडल छोटी रेड जो कि ग्रीन के अंदर ही होती है उसके हाई को नहीं तोड़ती।
बनने का स्थान: यह रेजिस्टेंस पर दिखाई देने वाला पैटर्न है जो ट्रेंड को रिवर्स करने का काम करता है।
पीछे का मनोविज्ञान: जब खरीदार कमजोर पड़ते हैं और बेचने वाले कमान सँभालते हैं तब यह पैटर्न भाव के नीचे आने का संकेत देता है।
पहचान करने का तरीका: रेजिस्टेंस एरिया को मार्क करने आप इस तरह के पैटर्न की पहचान कर सकते हैं।
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Bearish Harami Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: रेड कैंडल की लो की नीचे भी एंट्री बन सकती है और कन्फर्मेशन की लिए एक और रेड कैंडल का वेट भी किया जा सकता है।
- एंट्री: पहली या दूसरी रेड कैंडल का लो टूटते ही एंट्री बनाई जा सकती है।
- स्टॉप-लॉस: ग्रीन कैंडल की हाई का स्टॉप लॉस रखा जा सकता है।
- टारगेट: आस पास के सपोर्ट एरिया को देखें।
सावधानी बरतें: बिना पैटर्न कम्पलीट बने उत्सुकता में ट्रेड ना करें।
3. ट्वीजर टॉप (Tweezer Top)
विशेषता: इस पैटर्न में पहली कैंडल बड़ी ग्रीन और दूसरी कैंडल बड़ी रेड और दोनों का हाई बराबर होता है।
बनने का स्थान: यह पैटर्न अपट्रेंड की समाप्ति के बाद दिखाई देता है।
पीछे का मनोविज्ञान: जब रेजिस्टेंस पर खरीदने वाले असफल होते हैं और बेचने वाले हावी होते हैं तो यह प्राइस की नीचे आने का संकेत होता है।
पहचान करने का तरीका: रेजिस्टेंस एरिया को देखें।
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Tweezer Top Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: रेड कैंडल बनने के बाद उसके लो के नीचे सेल्लिंग की बारे में सोचा जा सकता है।
- एंट्री: रेड कैंडल की लो की नीचे एंट्री बना सकते हैं।
- स्टॉप-लॉस: रेड कैंडल की हाई का ही स्टॉप लॉस रखा जा सकता है।
- टारगेट: सपोर्ट एरिया को मार्क करके रखें।
सावधानी बरतें: फेक सिग्नल से बचें और अधिक बैकटेस्ट करके ही इसका उपयोग करें।
4. बेयरिश काउंटरअटैक (Bearish Counterattack)
विशेषता: इस पैटर्न में पहली कैंडल बड़ी ग्रीन और दूसरी कैंडल बड़ी रेड होती है और वो भी गैप अप होने के बाद नीचे क्लोजिंग देती है।
बनने का स्थान: अपट्रेंड में यह पैटर्न रेजिस्टेंस की पास दिखाई दे सकता है।
पीछे का मनोविज्ञान: इसमें खरीदार गैप अप करवाते हैं और बेचने वाले हावी होकर कैंडल को नीचे क्लोज करवाते हैं।
पहचान करने का तरीका: जब भी रेजिस्टेंस की पास गैप अप हो तो यह पैटर्न बनने का इंतजार करें।
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Bearish counterattack example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पैटर्न की पुष्टि: रेड कैंडल की पूरा क्लोज होने तक का इंतजार करना चाहिए।
- एंट्री: रेड कैंडल के लो के नीचे ही सेल्लिंग की लिए जाएँ।
- स्टॉप-लॉस: रेड कैंडल के हाई का ही रखें।
- टारगेट: पास की सपोर्ट को मार्क करें और अपना रिस्क रिवॉर्ड देखें।
सावधानी बरतें: बिना रेड कैंडल की क्लोजिंग की एंट्री ना करें।
5. डार्क क्लाउड कवर (Dark Cloud Cover)
विशेषता: इसमें पहली कैंडल फुल बॉडी ग्रीन और दूसरी कैंडल फुल बॉडी रेड गैप अप के बाद ग्रीन कैंडल की आधी रेंज के पास क्लोज देती है।
बनने का स्थान: ये पैटर्न अप ट्रेंड में दिखाई देता है। इसे डाउन ट्रेंड में ना देखें।
पीछे का मनोविज्ञान: शुरू में खरीदार हावी होते हिन् बाद में बेचने वाले नियंत्रित करके नीचे क्लोज करते हैं।
पहचान करने का तरीका: रेजिस्टेंस के पास जब गैप अप हो और ब्रेकआउट देने की कोशिश करे और ब्रेकआउट फेल होकर यह पैटर्न बन सकता है।
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Dark cloud cover example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: रेड कैंडल ग्रीन कैंडल की आधी रेंज के आस पास क्लोज होनी चाहिए।
- एंट्री: रेड कैंडल के लो के नीचे एंट्री बनती है।
- स्टॉप-लॉस: यह भी रेड कैंडल के हाई का रखा जा सकता है।
- टारगेट: सपोर्ट एरिया और अपने रिस्क रिवॉर्ड को देखें।
सावधानी बरतें: बिना पैटर्न कम्पलीट हुए कोई निर्णय ना लें।
ट्रिपल कैंडलस्टिक पैटर्न
ऐसे कैंडलस्टिक पैटर्न जो तीन कैंडल से मिलकर बनते हैं और स्ट्रांग सिग्नल देने का काम करते हैं।
बुलिश थ्री कैंडलस्टिक पैटर्न
1. मॉर्निंग स्टार (Morning Star)
विशेषता: तीन कैंडल से मिलकर बना यह पैटर्न तेजी का संकेत देता है। इसमें पहली बड़ी रेड कैंडल और उसके बाद दूसरी कैंडल डोजी/स्पिनिंग टॉप और तीसरी कैंडल बड़ी ग्रीन कैंडल होती है।
बनने का स्थान: यह सपोर्ट के आस पास बनता दिखाई देता है।
पीछे का मनोविज्ञान: जब भाव काफी गिर चूका होता है और खरीदारी के लेवल पर आता है तो यहाँ बड़े प्लेयर भी एक्टिव होते हैं और यह पैटर्न बनता दिखाई देता है।
पहचान करने का तरीका: स्ट्रांग सपोर्ट देखें जहाँ से पहले भी भाव अच्छा ऊपर गया हो।
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Morning Star Candlestick Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: पैटर्न पूरा होने दें और यह देखें कि ग्रीन कैंडल फुल बॉडी कैंडल ही होनी चाहिए। यदि वह कमजोर होगी तो पैटर्न इनवैलिड होगा।
- एंट्री: ग्रीन कैंडल के हाई के ऊपर एंट्री बनाई जा सकती है।
- स्टॉप-लॉस: तीनो कैंडल में जिसका लो बड़ा हो वही स्टॉप लॉस होगा।
- टारगेट: अगले रेजिस्टेंस को मार्क करें।
सावधानी बरतें: पैटर्न पूरा बनने दें और स्ट्रांग पैटर्न को ही ट्रेड करने के बारे में सोचें।
2. थ्री इनसाइड अप (Three Inside Up)
विशेषता: इस पैटर्न में पहली कैंडल बड़ी लाल, दूसरी कैंडल छोटी ग्रीन लाल वाली के अंदर ही और तीसरी कैंडल ग्रीन जो की पहली रेड के ऊपर क्लोज देती है। यह तेजी का संकेत देती है।
बनने का स्थान: यह इम्पोर्टेन्ट सपोर्ट एरिया पर दिखाई देता है।
पीछे का मनोविज्ञान: जब बेचने वाले कम और तेजी करने वाले अधिक होते हैं तो यह पैटर्न चार्ट पर बनता हुआ दिखाई दे सकता है।
पहचान करने का तरीका: सपोर्ट एरिया को मार्क करके रखें यह वहीँ पर दिखाई देगा।
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Three inside up example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: तीसरी कैंडल को पूरा क्लोज होने दें।
- एंट्री: तीसरी कैंडल के हाई के ऊपर एंट्री बनती है।
- स्टॉप-लॉस: तीनो कैंडल में जिसका लो बड़ा हो वही स्टॉप लॉस रखें।
- टारगेट: पास के रेजिस्टेंस एरिया और रिस्क रिवॉर्ड को देखें।
सावधानी बरतें: पूरा पैटर्न बनने का इंतजार करें यानि तीनों कैंडल के क्लोज होने का इंतजार करना जरूरी है।
3. थ्री आउटसाइड अप (Three Outside Up)
विशेषता: इसमें पहली कैंडल मध्यम लाल, दूसरी बड़ी हरी जो पहले वाली को पूरा कवर करती है और तीसरी भी ग्रीन होती है। यह डाउन ट्रेंड को अप ट्रेंड में बदलती है।
बनने का स्थान: डाउन ट्रेंड खत्म होने के बाद सपोर्ट एरिया पर बनती है।
पीछे का मनोविज्ञान: जब प्राइस बहुत गिर चूका होता है और सपोर्ट एरिया पर आता है तो बेचने वाले कमजोर और खरीदने वाले मजबूत होते हैं।
पहचान करने का तरीका: अच्छी गिरावट के बाद सपोर्ट एरिया पर देखें।
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Three outside up exmaple |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: यह पैटर्न तीसरी ग्रीन कैंडल के साथ पूरा होता है।
- एंट्री: तीसरी कैंडल के हाई के ऊपर एंट्री बनाई जा सकती है।
- स्टॉप-लॉस: तीनो कैंडल में जिसका लो बड़ा हो वही स्टॉप लॉस रखें।
- टारगेट: रेजिस्टेंस एरिया और रिस्क रिवॉर्ड को देखें।
सावधानी बरतें: बिना पैटर्न कन्फर्मेशन के ट्रेड करने की ना सोचें।
4. बुलिश अबेंडन्ड बेबी (Bullish Abandoned Baby)
विशेषता: इसमें पहली कैंडल बड़ी रेड उसके बाद दूसरी कैंडल गैप डाउन के साथ छोटी डोजी और तीसरी कैंडल फुल बॉडी ग्रीन होती है। यह बुलिश रिवर्सल का संकेत देती है।
बनने का स्थान: गिरावट के बाद जब सपोर्ट लेवल पर प्राइस आता है तब ऐसा पैटर्न बन सकता है।
पीछे का मनोविज्ञान: डाउन ट्रेंड के बाद खरीदने वाले लेवल पर जब प्राइस आता है तब खरीदने वाले मजबूती से एंट्री करते हैं।
पहचान करने का तरीका: बढ़ती वॉल्यूम को देखें और सपोर्ट एरिया मार्क करें।
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Bullish Abandoned baby example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: तीसरी ग्रीन कैंडल से ही इसकी पुष्टि होती है।
- एंट्री: तीसरी कैंडल के हाई के टूटने पर एंट्री बनती है।
- स्टॉप-लॉस: दूसरी कैंडल यानि डोजी के लौ के नीचे।
- टारगेट: पास के रेजिस्टेंस एरिया को ध्यान में रखें।
सावधानी बरतें: यह पैटर्न कम दिखाई देता है इसलिए पहचान अच्छे से करें।
बेयरिश ट्रिपल कैंडलस्टिक पैटर्न
1. ईवनिंग स्टार (Evening Star)
विशेषता: इसमें पहली कैंडल बड़ी ग्रीन दूसरी कैंडल डोजी/स्पिनिंग टॉप और तीसरी कैंडल बड़ी रेड होती है जो ग्रीन की ओपनिंग के आस पास क्लोज देती है।
बनने का स्थान: बड़ी तेजी के बाद रेजिस्टेंस एरिया पर यह पैटर्न प्रॉफिट बुकिंग के समय बनता है।
पीछे का मनोविज्ञान: बड़ी ग्रीन कैंडल को देखते हुए रिटेल ट्रेडर एंट्री करते हैं और वहां बड़े प्लेयर्स बिकवाली करते हैं।
पहचान करने का तरीका: बड़े मोमेंटम के बाद रेजिस्टेंस एरिया पर इस पैटर्न की पहचान करें।
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Evening Star Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: तीसरी रेड कैंडल फुल बॉडी स्ट्रांग होनी चाहिए तभी यह वैलिड होगा।
- एंट्री: रेड कैंडल के लौ के नीचे एंट्री बनती है।
- स्टॉप-लॉस: पूरे पैटर्न में जो भी हाई बड़ा होगा वही स्टॉप लॉस रखा जा सकता है।
- टारगेट: आस पास के सपोर्ट एरिया को देखें।
सावधानी बरतें: तीसरी कैंडल कमजोर नहीं होनी चाहिए।
2. थ्री ब्लैक क्रोज़ (Three Black Crows)
विशेषता: इस पैटर्न में तीन कैंडल और तीनों की तीन लाल होती हैं और हर कैंडल का क्लोज पिछले वाली से नीचे होता है। यह हैवी सेल्लिंग या पैनिक सेल्लिंग का भी प्रतिक है।
बनने का स्थान: तेजी खत्म होने के बाद रेजिस्टेंस एरिया पर यह बनता है।
पीछे का मनोविज्ञान: इसमें बेचने वाले लगातार हावी होते हैं और सबके स्टॉप लॉस कटते चले जाते हैं।
पहचान करने का तरीका: बड़े अपट्रेंड के बाद ऐसा पैटर्न देखने की कोशिश करें।
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Three black crows Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: जब तीसरी रेड कैंडल बनती है तभी यह पैटर्न कम्पलीट होता है।
- एंट्री: इसपर एंट्री करना रिस्की है फिर भी तीसरी कैंडल के लौ के नीचे एंट्री प्लान की जा सकती है।
- स्टॉप-लॉस: तीसरी कैंडल के हाई या दूसरी कैंडल के हाई के ऊपर।
- टारगेट: सपोर्ट एरिया को ध्यान में रखें और रिस्क रिवॉर्ड फॉलो करें।
सावधानी बरतें: तीसरी कैंडल के क्लोज होने का इंतजार करें।
3. थ्री आउटसाइड डाउन (Three Outside Down)
विशेषता: इस पैटर्न में पहली कैंडल मध्यम ग्रीन और दूसरी कैंडल बड़ी रेड जो पहली ग्रीन को पूरा कवर करती है और तीसरी कैंडल बड़ी रेड होती है। यह मंदी का संकेत देती है।
बनने का स्थान: बड़ी तेजी के बाद रेजिस्टेंस पर यह बनती हुई नजर आती है।
पीछे का मनोविज्ञान: खरीदार कमजोर पड़ते हैं और बेचने वालों की संख्या ज्यादा होती है।
पहचान करने का तरीका: तेजी के बाद रेजिस्टेंस पर देखें।
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Three outside down example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: तीसरी रेड कैंडल के पूरा बनने का इंतजार करें।
- एंट्री: तीसरी कैंडल के लौ के नीचे या रेट्रस मेन्ट के बाद।
- स्टॉप-लॉस: दूसरी रेड के हाई के ऊपर रखें।
- टारगेट: सपोर्ट एरिया मार्क करें।
सावधानी बरतें: पैटर्न को अच्छे से पहचानें।
4. बेयरिश अबेंडन्ड बेबी (Bearish Abandoned Baby)
विशेषता: इस पैटर्न में पहली कैंडल बड़ी ग्रीन फुल बॉडी दूसरी कैंडल गैप अप डोजी, तीसरी कैंडल गैप डाउन के साथ बड़ी रेड कैंडल होती है।
बनने का स्थान: अपट्रेंड खत्म होने के बाद यह बनती हुई नजर आती है।
पीछे का मनोविज्ञान: खरीदारी कमजोर पड़ती है और विक्रेता हावी होते हैं।
पहचान करने का तरीका: अपट्रेंड के बाद रेजिस्टेंस पर देखें और पहचान करें।
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Bearish Abandoned baby example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: तीसरी रेड कैंडल के पूरा बनने का इंतजार करें। सभी कंडीशन को देखें।
- एंट्री: तीसरी रेड कैंडल के लौ के नीचे एंट्री बनती है।
- स्टॉप-लॉस: डोजी कैंडल के हाई का रखें।
- टारगेट: सपोर्ट एरिया और रिस्क रिवॉर्ड फॉलो करें।
सावधानी बरतें: पैटर्न की अच्छे से पुष्टि करें।
कंटीन्यूएशन कैंडलस्टिक पैटर्न
यह कैंडलस्टिक पैटर्न बताते हैं कि ट्रेंड कंटिन्यू रहने वाला है।
बुलिश कंटीन्यूएशन पैटर्न
1. राइजिंग थ्री मेथड्स (Rising Three Methods)
विशेषता: इस पैटर्न में पहली कैंडल बड़ी ग्रीन फुल बॉडी फिर तीन छोटी रेड और पांचवी बड़ी ग्रीन कैंडल जो तीनो रेड को कवर करती है। यह बताती है कि ट्रेंड अभी चलने वाला है।
बनने का स्थान: अप ट्रेंड में यह पैटर्न बनेगा।
पीछे का मनोविज्ञान: खरीदार स्ट्रांग, फिर थोड़ी करेक्शन और फिर से ट्रेंड जारी रहना।
पहचान करने का तरीका: चलते हुए अप ट्रेंड में इसकी पहचान करें।
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Rising three methods example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: पाँचों कैंडल के पूरा बनने और क्लोज होने का इंतजार करें।
- एंट्री: पांचवी कैंडल के हाई के ऊपर।
- स्टॉप-लॉस: तीसरी रेड या एंट्री कैंडल के लो के नीचे ही रखें।
- टारगेट: रेजिस्टेंस एरिया को मार्क करें।
सावधानी बरतें: पैटर्न की अच्छे से पुष्टि करें।
2. बुलिश सेपरेटिंग लाइन्स (Bullish Separating Lines)
विशेषता: इस पैटर्न में पहली कैंडल बड़ी रेड और दूसरी कैंडल बड़ी ग्रीन होती है और दोनों का ओपन प्राइस समान होता है। यह ट्रेंड कंटिन्यू होने का संकेत है।
बनने का स्थान: अप ट्रेंड में यह पैटर्न बनेगा।
पीछे का मनोविज्ञान: विक्रेता हावी फिर तेजी करने वालों का गैप अप के साथ बाउंस बैक।
पहचान करने का तरीका: चलते हुए अप ट्रेंड में बाद रेड कैंडल के बाद इसकी पहचान करें।
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: दूसरी ग्रीन कैंडल से ही इस पैटर्न की पुष्टि होती है।
- एंट्री: दूसरी कैंडल के हाई के ऊपर या फिर प्राइस के थोड़ा नीचे आने का इंतजार करें।
- स्टॉप-लॉस: ग्रीन कैंडल के थोड़ा नीचे।
- टारगेट: रेजिस्टेंस एरिया को ध्यान में रखें।
सावधानी बरतें: पैटर्न की पुष्टि अच्छे से करें।
3. बुलिश गैप तसुकी (Bullish Tasuki Gap)
विशेषता: इस पैटर्न में पहली कैंडल बड़ी ग्रीन फिर दूसरी गैप अप ग्रीन और तीसरी बड़ी रेड जो बने हुए गैप को फिल कर देती है। गैप फिलिंग के बाद फिर से ट्रेंड कंटिन्यू होता है।
बनने का स्थान: चलते हुए अप ट्रेंड में यह पैटर्न बनेगा।
पीछे का मनोविज्ञान: पहले खरीदार हावी और फिर करेक्शन के बाद ट्रेंड जारी रहना।
पहचान करने का तरीका: अपट्रेंड में दो ग्रीन कैंडल को देखें जिसमें दूसरी गैप अप वाली हो।
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Bullish Tasuki Gap Example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: तीसरी कैंडल जो गैप फिल करती है उसके बनने का इंतजार करें।
- एंट्री: रेड कैंडल के हाई के ऊपर एंट्री बनती है।
- स्टॉप-लॉस: गैप एरिया को स्टॉप लॉस रखें।
- टारगेट: रेजिस्टेंस एरिया को ध्यान में रखें।
सावधानी बरतें: पैटर्न की पुष्टि अच्छे से करें।
बेयरिश कंटीन्यूएशन पैटर्न
1. फॉलिंग थ्री मेथड्स (Falling Three Methods)
विशेषता: इसमें पहली कैंडल बड़ी रेड, फिर तीन छोटी ग्रीन और फिर से एक बड़ी रेड कैंडल जो तीनों ग्रीन कैंडल के नीचे क्लोज करती है। यह पैटर्न बेयरिश ट्रेंड के कंटिन्यू होने का संकेत देता है।
बनने का स्थान: डाउन ट्रेंड में यह पैटर्न दिखाई दे सकता है।
पीछे का मनोविज्ञान: मंदी करने वाले हावी फिर करेक्शन और फिर से मंदी करने वाले हावी। ट्रेंड के कंटिन्यू होने की निशानी।
पहचान करने का तरीका: डाउन ट्रेंड में इसकी पहचान करने की कोशिश करें जहाँ ऐसी कंडीशन बन रही हों।
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: पांचवी रेड कैंडल के बनने से ही इसकी पुष्टि होती है।
- एंट्री: पांचवी रेड कैंडल के लो के नीचे एंट्री बनती है।
- स्टॉप-लॉस: पांचवी रेड कैंडल या तीसरी ग्रीन कैंडल के हाई का स्टॉप लॉस रखें।
- टारगेट: सपोर्ट एरिया को ध्यान में रखें।
सावधानी बरतें: पैटर्न के पूरा बनने का इंतजार करें।
2. बेयरिश सेपरेटिंग लाइन्स (Bearish Separating Lines)
विशेषता: इस पैटर्न में पहली कैंडल बड़ी ग्रीन और अगली कैंडल गैप डाउन के साथ बड़ी रेड। दोनों का ओपन प्राइस एक समान होता है।
बनने का स्थान: डाउन ट्रेंड में यह पैटर्न दिखाई दे सकता है।
पीछे का मनोविज्ञान: तेजी करने वाले हावी फिर मंदी करने वालों का गैप डाउन के साथ बाउंस बैक।
पहचान करने का तरीका: डाउन ट्रेंड में बड़ी ग्रीन कैंडल के बाद गैप डाउन जैसी स्तिथि देखें।
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Bearish separating lines example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: दूसरी रेड कैंडल के नीचे बंद होने का इंतजार करें।
- एंट्री: दूसरी रेड कैंडल के लो के नीचे एंट्री बनती है।
- स्टॉप-लॉस: एंट्री कैंडल के हाई के ऊपर ही रखें।
- टारगेट: सपोर्ट एरिया को ध्यान में रखें।
सावधानी बरतें: पैटर्न के पूरा बनने का इंतजार करें।
3. बेयरिश गैप तसुकी (Bearish Tasuki Gap)
विशेषता: इस पैटर्न में पहली कैंडल बड़ी लाल और दूसरी गैप डाउन के साथ लाल फिर तीसरी बड़ी ग्रीन कैंडल जो गैप को भरने का काम करती है।
बनने का स्थान: डाउन ट्रेंड में यह पैटर्न दिखाई दे सकता है।
पीछे का मनोविज्ञान: इसमें मंदी करने वाले हावी होते हैं फिर ग्रीन कैंडल के करेक्शन जो कि गैप फिल कर देती है और फिर ट्रेंड कंटिन्यू होता है।
पहचान करने का तरीका: डाउन ट्रेंड में ऐसी कैंडल्स पर नजर रखें।
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Bearish tasuki gap example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: तीसरी कैंडल जब गैप फिल कर दे तभी यह पैटर्न कम्पलीट होता है।
- एंट्री: तीसरी कैंडल के लो के नीचे एंट्री बनाई जैस सकती है।
- स्टॉप-लॉस: एंट्री कैंडल के हाई के ऊपर ही रखें।
- टारगेट: सपोर्ट एरिया मार्क करें।
सावधानी बरतें: गैप फिल होने का इंतजार करें।
एडवांस कैंडलस्टिक पैटर्न
बुलिश एडवांस पैटर्न
1. थ्री लाइन स्ट्राइक (Bullish Three Line Strike)
विशेषता: इस पैटर्न में तीन कैंडल रेड बनती हैं और अगली कैंडल बड़ी ग्रीन बनती है जो इन तीनों रेड कैंडल के ऊपर क्लोज देती है।
बनने का स्थान: डाउन ट्रेंड में यह पैटर्न दिखाई दे सकता है।
पीछे का मनोविज्ञान: पहले मंदी करने वाले हावी रहते हैं फिर अचानक से तेजी करने वाले हावी हो जाते हैं। यह पॉजिटिव सेंटीमेंट बताता है।
पहचान करने का तरीका: डाउन ट्रेंड में ऐसी कैंडल्स पर नजर रखें।
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Bullish three line strike example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: चौथी ग्रीन कैंडल की क्लोजिंग जब तीनो रेड के ऊपर आ जाये तभी इसकी पुष्टि होती है।
- एंट्री: ग्रीन कैंडल के हाई के ऊपर एंट्री हो सकती है।
- स्टॉप-लॉस: ग्रीन कैंडल या तीसरी रेड कैंडल के लो के नीचे।
- टारगेट: रेजिस्टेंस एरिया से पहले एग्जिट करें।
सावधानी बरतें: पैटर्न को अच्छे से पहचानें।
2. बुलिश किकिंग (Bullish Kicking)
विशेषता: पहली कैंडल रेड मारुबोज़ु और दूसरी कैंडल ग्रीन मारुबोज़ु गैप अप के साथ।
बनने का स्थान: डाउन ट्रेंड के अंत के बाद यह दिखाई देता है।
पीछे का मनोविज्ञान: बिकवाली रुकने के बाद तेजी आना।
पहचान करने का तरीका: बड़ी रेड मारुबोज़ु कैंडल सपोर्ट के पास देखें।
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Bullish kicking example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: दूसरी ग्रीन कैंडल के क्लोज होने के बाद ही यह पैटर्न कम्पलीट बनता है।
- एंट्री: ग्रीन कैंडल के हाई के ऊपर एंट्री बनती है।
- स्टॉप-लॉस: ग्रीन कैंडल या रेड कैंडल के लो के नीचे।
- टारगेट: रिस्क रिवॉर्ड को फॉलो करें।
सावधानी बरतें: पैटर्न को अच्छे से पहचानें।
बेयरिश एडवांस पैटर्न
1. थ्री लाइन स्ट्राइक (Bearish Three Line Strike)
विशेषता: पहली तीन कैंडल मध्यम ग्रीन और एक बड़ी लाल कैंडल जो इन तीनों को कवर करके नीचे क्लोज करती है।
बनने का स्थान: यह अप ट्रेंड में दिखाई देता है।
पीछे का मनोविज्ञान: पहले खरीददार हावी फिर अचानक से मंदी करने वाले हावी हो जाते हैं।
पहचान करने का तरीका: अप ट्रेंड में इस तरह की कंडीशन का ध्यान रखें।
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Bearish three line strike example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: रेड कैंडल जब तक तीनों ग्रीन के नीचे क्लोज न दे तब तक यह पैटर्न वैलिड नहीं होगा।
- एंट्री: रेड कैंडल के लो के नीचे एंट्री बनती है।
- स्टॉप-लॉस: एंट्री कैंडल के ही हाई के ऊपर या तीसरी ग्रीन के ऊपर।
- टारगेट: रिस्क रिवॉर्ड को फॉलो करें।
सावधानी बरतें: पैटर्न को अच्छे से पहचानें।
2. बेयरिश किकिंग (Bearish Kicking)
विशेषता: इसमें पहली कैंडल ग्रीन मारुबोज़ु और दूसरी कैंडल गैप डाउन के साथ रेड मारुबोज़ु बनती है।
बनने का स्थान: यह अप ट्रेंड में दिखाई देता है।
पीछे का मनोविज्ञान: खरीदारी रूकती है और विक्रेता हावी होते हैं।
पहचान करने का तरीका: अप ट्रेंड में इस तरह की कंडीशन का ध्यान रखें।
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Bearish kicking example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: रेड कैंडल के क्लोज का इंतजार करें।
- एंट्री: रेड कैंडल के लो के नीचे एंट्री बनती है।
- स्टॉप-लॉस: रेड कैंडल या ग्रीन कैंडल के हाई के ऊपर रखा जा सकता है।
- टारगेट: सपोर्ट लेवल ध्यान में रखें।
सावधानी बरतें: पैटर्न को अच्छे से पहचानें।
3. टू ब्लैक गैपिंग (Two Black Gapping)
विशेषता: इसमें पहली कैंडल रेड और दूसरी कैंडल बड़ी और गैप डाउन के साथ बनती है। यह स्ट्रांग डाउन ट्रेंड को बताती है।
बनने का स्थान: अप ट्रेंड की समाप्ति के बाद दिखाई देती है।
पीछे का मनोविज्ञान: खरीदार कमजोर होते हैं और हैवी सेल्लिंग होती है।
पहचान करने का तरीका: अप ट्रेंड में इस तरह की कंडीशन का ध्यान रखें।
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Two black gapping example |
ट्रेडिंग रणनीति:
- पुष्टि: गैप डाउन के बाद रेड कैंडल के क्लोज होने का इंतजार करें।
- एंट्री: रेड कैंडल के लो के नीचे एंट्री बनती है।
- स्टॉप-लॉस: एंट्री कैंडल के हाई का ही स्टॉप लॉस रखा जा सकता है।
- टारगेट: सपोर्ट लेवल ध्यान में रखें।
सावधानी बरतें: पैटर्न को अच्छे से पहचानें।
निष्कर्ष:
इस लेख के जरिये हमने लगभग सभी जरूरी कैंडलस्टिक पैटर्न को साझा किया है। कैंडलस्टिक पैटर्न बाजार के सेंटीमेंट और ट्रेडिंग का अवसर प्रदान करते हैं। इन्हे सपोर्ट, रेजिस्टेंस और रसी जैसे इंडिकेटर के इस्तेमाल किया जाये तो बेहतर रिजल्ट देते हैं। बिना बैकटेस्ट और अनुशासन के यह किसी काम के नहीं हैं। कैंडलस्टिक पैटर्न के साथ यदि शेयर बाजार में इमोशंस कंट्रोल करना सीख लिया जाये तो यह आपको काफी आगे तक लेकर जा सकते हैं।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. कैंडलस्टिक पैटर्न क्या होते हैं?
यह ट्रेंड को समझने और रिवर्सल या ट्रेंड जारी रहने की जानकारी प्रदान करते हैं।
2. क्या कैंडलस्टिक पैटर्न 100% सही होते हैं?
नहीं, शेयर बाजार में कुछ भी 100% नहीं है। केवल एक प्रोबेबिलिटी होती है कि यह चीज कितने प्रतिशत काम करती है।
3. सबसे मजबूत बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न?
मॉर्निंग स्टार, बुलिश एंगुलफिंग और अबेंडन्ड बेबी।
डिस्क्लेमर (Disclaimer)
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