भारत का शेयर बाजार: तब vs अब (1947 से 2025)
परिचय: आर्थिक आज़ादी की कहानी
15 अगस्त 1947 — यह केवल राजनीतिक स्वतंत्रता का दिन नहीं था, बल्कि भारत की आर्थिक यात्रा का शुरुआती पड़ाव भी था। आज़ादी के समय भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान थी, औद्योगिक ढांचा सीमित था और पूंजी बाज़ार का आकार बेहद छोटा था। लेकिन समय के साथ, भारत ने न केवल उद्योग और व्यापार में, बल्कि शेयर बाजार में भी अद्भुत प्रगति की है।
आज 2025 में, भारतीय शेयर बाजार दुनिया के सबसे बड़े और तेज़ी से बढ़ते इक्विटी मार्केट्स में से एक है। आइए, देखते हैं कि यह सफर कैसे तय हुआ।
1. 1947 का शेयर बाजार – एक झलक
आज़ादी के समय, भारत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पहले से मौजूद था, जिसकी स्थापना 1875 में हुई थी। हालांकि, उस समय इसमें लिस्टेड कंपनियों की संख्या सीमित थी और निवेशक मुख्यतः बड़े व्यापारी, उद्योगपति और कुछ गिने-चुने धनी वर्ग के लोग थे।
उस समय:
- लिस्टेड कंपनियों की संख्या लगभग 2,000 के आसपास थी (अलग-अलग छोटे-बड़े स्टॉक एक्सचेंज मिलाकर)।
- ट्रेडिंग सिस्टम मैन्युअल था — खरीद-फरोख्त ट्रेडिंग फ्लोर पर चिल्लाकर और कागज़ी लेन-देन से होती थी।
- निवेशक वर्ग बहुत सीमित था और रिटेल निवेशक लगभग न के बराबर थे।
- विदेशी निवेश का प्रभाव नगण्य था।
2. 2025 का शेयर बाजार – आधुनिक और डिजिटल
आज का भारतीय शेयर बाजार पूरी तरह बदल चुका है। BSE और NSE दोनों ग्लोबल स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं।
वर्तमान स्थिति:
- BSE में 7,500+ कंपनियाँ लिस्टेड हैं, जबकि NSE में भी 2,000 से अधिक।
- मार्केट कैप: दोनों एक्सचेंजों का संयुक्त बाज़ार पूंजीकरण $5 ट्रिलियन से अधिक हो चुका है।
- निवेशक आधार: रिटेल निवेशक, म्यूचुअल फंड निवेशक और विदेशी संस्थागत निवेशक, सभी का बड़ा योगदान है।
- डिजिटल ट्रेडिंग: आज मोबाइल ऐप से सेकंडों में ट्रेडिंग होती है और डेटा पूरी पारदर्शिता के साथ उपलब्ध है।
- वैश्विक रैंक: मार्केट कैप के आधार पर भारत चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार बन चुका है।
3. Sensex का अद्भुत सफर
Sensex को 1979 में बेस वैल्यू 100 पर सेट किया गया और 1986 में आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया।
- 1979 में 100 अंक से शुरू होकर यह 2025 में लगभग 80,000 अंक के स्तर पर पहुँच चुका है।
- इस दौरान Sensex ने औसतन 16% सालाना रिटर्न दिया है।
- शुरुआती दिनों में एक ट्रेड को पूरा करने में घंटों लग जाते थे, जबकि आज मिलिसेकंड में ऑर्डर पूरी हो जाते हैं।
4. 1947 vs 2025 – आंकड़ों में तुलना
पैरामीटर | 1947 (या आसपास) | 2025 |
---|---|---|
लिस्टेड कंपनियों की संख्या | ~2,000 | ~7,500+ (BSE) |
बाज़ार पूंजीकरण | बहुत कम / प्रारंभिक स्तर | ₹445 लाख करोड़+ |
Sensex स्तर (बेस 100) | — | ~80,000 |
निवेशकों की संख्या | कुछ हज़ार | 10 करोड़+ |
ट्रेडिंग तकनीक | मैनुअल, पेपर-बेस्ड | डिजिटल, ऑटोमेटेड |
वैश्विक रैंक | नगण्य | चौथा सबसे बड़ा बाजार |
5. इस विकास के पीछे मुख्य कारण
1. आर्थिक उदारीकरण (1991)
विदेशी निवेश के दरवाजे खुले और भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़ा।
2. डिजिटल क्रांति
इंटरनेट, मोबाइल ऐप और ऑनलाइन ट्रेडिंग ने निवेशकों की पहुँच आसान की।
3. रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी
SIP, म्यूचुअल फंड और ऑनलाइन शिक्षा ने छोटे निवेशकों को भी जोड़ा।
4. नियामक सुधार
SEBI के सख्त नियमों ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया।
5. इकोनॉमिक ग्रोथ
GDP ग्रोथ और उद्योगों के विस्तार ने मार्केट कैप में भारी इज़ाफा किया।
6. Independence Day का महत्व और शेयर बाजार
आज़ादी के बाद भारत ने राजनीतिक स्वतंत्रता के साथ-साथ आर्थिक स्वतंत्रता की भी यात्रा तय की।
- 1947 में निवेशकों के पास सीमित अवसर थे।
- आज, एक आम व्यक्ति भी ₹500 से निवेश शुरू कर सकता है।
- मार्केट में पारदर्शिता, शिक्षा और टेक्नोलॉजी ने निवेश को लोकतांत्रिक बना दिया है।
यह बदलाव असल में ‘आर्थिक आज़ादी’ का उदाहरण है।
7. आने वाले सालों का संभावित भविष्य
- भारत की अर्थव्यवस्था अगले दशक में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर है।
- IPO की संख्या और क्वालिटी बढ़ेगी।
- टेक्नोलॉजी और AI आधारित ट्रेडिंग मुख्यधारा में आ जाएगी।
- घरेलू निवेशकों का प्रभाव और बढ़ेगा, जिससे बाजार की स्थिरता मजबूत होगी।
FAQ
Q1. 1947 में निवेश करना कितना मुश्किल था?
निवेश करना मुख्यतः बड़े व्यापारियों का काम था, कागजी काम और भरोसे पर आधारित सिस्टम था।
Q2. Sensex की औसत रिटर्न दर क्या रही है?
1979 से अब तक Sensex ने लगभग 16% सालाना औसत रिटर्न दिया है।
Q3. क्या आज भारत का शेयर बाजार ग्लोबल लेवल पर मान्यता प्राप्त है?
हाँ, मार्केट कैप के मामले में भारत अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बाजार है।
Q4. क्या छोटे निवेशक अब आसानी से निवेश कर सकते हैं?
बिल्कुल, डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ने निवेश को बेहद आसान और पारदर्शी बना दिया है।
Disclaimer
यह लेख केवल शैक्षिक और जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी ऐतिहासिक और सार्वजनिक आँकड़ों पर आधारित है। यह किसी भी प्रकार की निवेश सलाह नहीं है। निवेश करने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।