FD Vs ETF Return Calculator | HarGharTrader

FD vs ETF रिटर्न कैलकुलेटर

जानें कि आपका पैसा फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) में कितना बढ़ सकता है।

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फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और ETF को विस्तार से समझें

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) क्या है?

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भारत में सबसे लोकप्रिय और सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक है। इसमें आप बैंक या किसी वित्तीय संस्थान में एक निश्चित अवधि के लिए एकमुश्त पैसा जमा करते हैं। बैंक आपको इस जमा पर एक निश्चित ब्याज दर देता है, जो पहले से तय होती है।

  • सुरक्षा: FD को सबसे सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसमें बाजार का कोई जोखिम नहीं होता। DICGC के तहत हर बैंक में ₹5 लाख तक की जमा राशि बीमित होती है।
  • निश्चित रिटर्न: आपको पहले दिन से पता होता है कि मैच्योरिटी पर आपको कितना पैसा मिलेगा।
  • लिक्विडिटी: जरूरत पड़ने पर आप FD को समय से पहले तोड़ सकते हैं, हालांकि ऐसा करने पर थोड़ी पेनल्टी लगती है।
  • कौन निवेश करे: जो निवेशक बिल्कुल भी जोखिम नहीं लेना चाहते, जैसे कि वरिष्ठ नागरिक या जो अपने मूलधन को सुरक्षित रखना चाहते हैं, उनके लिए FD एक बेहतरीन विकल्प है।

एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) क्या है?

एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) म्यूचुअल फंड और शेयरों का एक मिला-जुला रूप है। यह एक फंड है जो कई कंपनियों के शेयरों या अन्य संपत्तियों (जैसे सोना, बॉन्ड) में निवेश करता है, और इसकी यूनिट्स को आप स्टॉक एक्सचेंज पर किसी शेयर की तरह ही खरीद और बेच सकते हैं।

  • डायवर्सिफिकेशन (विविधता): एक ETF यूनिट खरीदने का मतलब है कि आप एक साथ कई कंपनियों में निवेश कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, Nifty 50 ETF खरीदने से आपका पैसा देश की टॉप 50 कंपनियों में लग जाता है।
  • कम लागत: एक्टिव म्यूचुअल फंड की तुलना में ETF का एक्सपेंस रेशियो (वार्षिक शुल्क) बहुत कम होता है।
  • बाजार आधारित रिटर्न: इसका रिटर्न शेयर बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। लंबे समय में यह FD से काफी ज़्यादा रिटर्न दे सकता है, लेकिन इसमें जोखिम भी शामिल है।
  • कौन निवेश करे: जो निवेशक थोड़ा जोखिम लेकर लंबे समय में ज़्यादा संपत्ति बनाना चाहते हैं, उनके लिए ETF एक अच्छा विकल्प है। यह उन लोगों के लिए भी अच्छा है जो शेयर बाजार में शुरुआत कर रहे हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्रश्न 1: मेरे लिए क्या बेहतर है - FD या ETF?

यह आपके वित्तीय लक्ष्य, जोखिम लेने की क्षमता और निवेश की अवधि पर निर्भर करता है। अगर आप सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न चाहते हैं, तो FD बेहतर है। अगर आप लंबे समय के लिए थोड़ा जोखिम उठाकर ज़्यादा रिटर्न कमाना चाहते हैं, तो ETF एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

प्रश्न 2: क्या ETF में मेरा पैसा डूब सकता है?

हाँ, ETF में बाजार का जोखिम होता है। अगर शेयर बाजार नीचे जाता है, तो आपके ETF का मूल्य भी कम हो सकता है। हालांकि, लंबे समय में बाजार में रिकवरी की संभावना रहती है और डायवर्सिफिकेशन के कारण किसी एक कंपनी के खराब प्रदर्शन का असर कम होता है।

प्रश्न 3: क्या FD पूरी तरह से सुरक्षित है?

हाँ, FD काफी हद तक सुरक्षित है। भारत में, डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत प्रत्येक बैंक में प्रति ग्राहक ₹5 लाख तक की जमा राशि (मूलधन + ब्याज) बीमित होती है। इसका मतलब है कि अगर बैंक डूब भी जाए, तो आपको ₹5 लाख तक वापस मिल जाएंगे।

प्रश्न 4: FD और ETF के रिटर्न पर टैक्स कैसे लगता है?

FD से मिलने वाला ब्याज आपकी कुल आय में जुड़ता है और आपके इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार उस पर टैक्स लगता है। वहीं, ETF (इक्विटी) पर अगर आप एक साल बाद बेचते हैं तो ₹1 लाख से ऊपर के लाभ पर 10% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स लगता है। एक साल से पहले बेचने पर 15% शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) टैक्स लगता है।

अस्वीकरण (Disclaimer)

यह कैलकुलेटर केवल शैक्षिक और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। यहाँ दिए गए परिणाम अनुमानों पर आधारित हैं और वास्तविक रिटर्न भिन्न हो सकते हैं। ETF में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है और रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती। यह किसी भी प्रकार की वित्तीय सलाह नहीं है। कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले कृपया एक योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।

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