78 साल में भारत की सबसे बड़ी Bull और Bear Runs – Dalal Street का सफर
परिचय
1947 में जब भारत आज़ाद हुआ, तब देश का शेयर बाजार भी एक नई यात्रा पर था। आज़ादी के शुरुआती वर्षों में स्टॉक मार्केट उतना सक्रिय नहीं था जितना आज है। उस वक्त निवेशकों की संख्या गिनती की थी और ज्यादातर ट्रेडिंग बॉम्बे (अब मुंबई) में होती थी।
लेकिन पिछले 75+ सालों में, भारतीय स्टॉक मार्केट ने कई ऐसे दौर देखे हैं जिन्हें Bull Run और Bear Run कहा जाता है। ये वो समय थे जब लाखों निवेशकों की किस्मत बदली—कभी रातोंरात अमीर बनाने वाली तेजी, तो कभी कंगाल कर देने वाली गिरावट।
इस आर्टिकल में हम सिर्फ आंकड़े नहीं बताएंगे, बल्कि हर Bull और Bear Run की कहानी, कारण, निवेशकों का अनुभव और हमने क्या सीखा—सब कुछ विस्तार से जानेंगे।
Bull Run क्या होता है?
Bull Run वो दौर होता है जब शेयर मार्केट लगातार ऊपर जाता है, कंपनियों का वैल्यूएशन तेजी से बढ़ता है, और निवेशकों में जोश होता है।
- निवेशकों का मूड: बहुत पॉजिटिव, "Fear of Missing Out" यानी FOMO हावी।
- आमतौर पर कारण: अच्छी आर्थिक ग्रोथ, सरकारी रिफॉर्म, ग्लोबल लिक्विडिटी, या टेक्नोलॉजी/सेक्टर बूम।
Bear Run क्या होता है?
Bear Run वो समय है जब मार्केट लंबी अवधि तक गिरता रहता है, निवेशकों में डर और अनिश्चितता होती है।
- निवेशकों का मूड: नेगेटिव, पैनिक सेलिंग, "अब तो मार्केट खत्म" वाला माहौल।
- आमतौर पर कारण: आर्थिक मंदी, पॉलिटिकल अस्थिरता, ग्लोबल क्राइसिस, या स्कैम।
भारत के सबसे बड़े Bull Runs – पूरी कहानी के साथ
1. 1991–1992: हरशद मेहता Bull Run
पृष्ठभूमि:
1991 में भारत में आर्थिक उदारीकरण हुआ—लाइसेंस राज खत्म, विदेशी निवेश को मौका, और अर्थव्यवस्था में नई जान। इसी दौर में हरशद मेहता नाम का ब्रोकर बैंकिंग सिस्टम की कमियों का फायदा उठाकर भारी निवेश करने लगा।
बाजार की चाल:
Sensex ~1,000 से सिर्फ 16 महीनों में ~4,500 तक चला गया। उस वक्त आम लोग भी शेयर खरीदने लगे।
अंत:
अप्रैल 1992 में हरशद मेहता स्कैम सामने आया। पता चला कि नकली बैंक रिसीट्स के जरिए करोड़ों रुपये मार्केट में लगाए गए थे। खबर लगते ही मार्केट 50% से ज्यादा टूट गया।
सीख:
- Artificial liquidity पर बनी तेजी टिकाऊ नहीं होती।
- Regulation और ट्रांसपेरेंसी मार्केट के लिए जरूरी है।
2. 2003–2008: ग्लोबल और घरेलू बूम
पृष्ठभूमि:
2003 के बाद भारत की GDP तेजी से बढ़ रही थी। इंफ्रास्ट्रक्चर, IT, मेटल और रियल एस्टेट में बूम था। FIIs लगातार पैसा लगा रहे थे।
बाजार की चाल:
Sensex ~3,000 से बढ़कर 2008 जनवरी में ~21,000। बहुत से मिड-कैप और स्मॉल-कैप स्टॉक्स मल्टीबैगर बने।
अंत:
2008 में अमेरिका की हाउसिंग बबल फटी और Lehman Brothers डूब गया। ग्लोबल क्राइसिस से Sensex ~8,000 पर आ गया।
सीख:
- ग्लोबल घटनाएं भारत को भी हिला सकती हैं।
- Profit booking समय पर करना जरूरी है।
3. 2014–2017: मोदी वेव
पृष्ठभूमि:
2014 में नई सरकार आई, जिसका एजेंडा था रिफॉर्म—GST, डिजिटल इंडिया, Make in India। पॉलिटिकल स्टेबिलिटी ने मार्केट को नया भरोसा दिया।
बाजार की चाल:
Sensex ~24,000 से बढ़कर 2018 में ~36,000।
सीख:
- पॉलिटिकल स्टेबिलिटी मार्केट के लिए पॉजिटिव होती है।
- लॉन्ग टर्म में पॉलिसी रिफॉर्म्स असर दिखाते हैं।
4. 2020–2021: कोविड क्रैश से रिकवरी
पृष्ठभूमि:
मार्च 2020 में लॉकडाउन से Sensex ~25,000 तक गिर गया। लेकिन सरकार और RBI के प्रोत्साहन पैकेज, ग्लोबल लिक्विडिटी और टेक सेक्टर बूम से मार्केट ने V-शेप रिकवरी की।
बाजार की चाल:
Sensex ~25,000 से अक्टूबर 2021 में ~62,000।
सीख:
- क्राइसिस के बाद मौके छिपे होते हैं।
- पैनिक में बेचने से बचें।
भारत के सबसे बड़े Bear Runs – विस्तार से
1. 1992–1993: स्कैम के बाद का पतन
- गिरावट: ~4,500 से ~2,000।
- कारण: हरशद मेहता स्कैम।
- सीख: मार्केट में भरोसा सबसे बड़ा पूंजी है।
2. 2008: ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस
- गिरावट: ~21,000 से ~8,000।
- कारण: US हाउसिंग बबल और Lehman Brothers का दिवालिया होना।
- सीख: ग्लोबल मैक्रो फैक्टर्स की निगरानी जरूरी है।
3. 2018–2019: NBFC क्राइसिस
- गिरावट: मिड-कैप और स्मॉल-कैप में 40–60% का नुकसान।
- कारण: IL&FS डिफॉल्ट और लिक्विडिटी क्राइसिस।
- सीख: एक सेक्टर पर ज्यादा निर्भरता खतरनाक।
4. 2020: कोविड क्रैश
- गिरावट: ~42,000 से ~25,000 सिर्फ 1 महीने में।
- कारण: महामारी और आर्थिक गतिविधियों का ठप होना।
- सीख: डर के समय निवेश करना सबसे ज्यादा रिटर्न दे सकता है।
75 साल की 7 सबसे बड़ी सीख
- धैर्य निवेशक का सबसे बड़ा हथियार है।
- गिरावट में खरीदना और तेजी में मुनाफा लेना जरूरी है।
- पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें।
- ग्लोबल घटनाओं पर नज़र रखें।
- शॉर्ट टर्म के बजाय लॉन्ग टर्म सोचें।
- मार्केट साइकिल को समझें – हर तेजी के बाद गिरावट आती है।
- पैनिक में फैसले न लें।
FAQ
Q1. क्या Bull और Bear Run को पहले से पहचाना जा सकता है?
पूरी तरह नहीं, लेकिन इकोनॉमिक डेटा और मार्केट ट्रेंड्स से अंदाजा लगाया जा सकता है।
Q2. क्या Bear Market में निवेश करना सही है?
हाँ, अच्छे स्टॉक्स सस्ते में मिलते हैं और लंबे समय में अच्छा रिटर्न देते हैं।
Disclaimer
यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। इसमें दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और ऐतिहासिक रिकॉर्ड पर आधारित है। यह किसी भी प्रकार की निवेश सलाह नहीं है।