📰 TCS की 33% गिरावट: Q1 ठीक, पर शेयर क्यों फ्लॉप?
2025 की पहली तिमाही में TCS ने अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया—Revenue और Operating Margin दोनों ही अनुमान से बेहतर रहे। फिर भी, निवेशकों की नज़र में कुछ ऐसा है जो "ठीक है" से भी नीचे है।
अब सवाल उठता है —
👉 जब नतीजे अच्छे हैं, तो फिर TCS का शेयर 33% तक क्यों गिर गया?
👉 क्या ये सिर्फ short-term correction है या कुछ बड़ी चाल चल रही है?
चलिए इस पूरे केस को समझते हैं आसान और Real investor की भाषा में। 🧠📉
📊 Q1 का Report Card – दिखने में दमदार, लेकिन…
🔹 Revenue:
₹61,987 करोड़ का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू दर्ज हुआ – 5.4% की ग्रोथ YoY के आधार पर।
🔹 Operating Margin:
24.7% पर स्थिर रही – जो Analyst expectations से थोड़ा बेहतर थी।
🔹 Net Profit:
₹11,836 करोड़ का मुनाफा – मार्केट अनुमान से लगभग मेल खाता।
✅ आँकड़े तो सही हैं… लेकिन ये ग्रोथ "बड़ी उम्मीद" से बहुत दूर है।
❌ Investors को चाहिए था “growth trigger” — वो नहीं मिला।
🔍 गिरावट की असली वजह क्या है?
1. 📉 Weak Guidance (सबसे बड़ी वजह)
TCS ने FY26 के लिए soft revenue outlook दिया है।
Client-side budget constraints और US slowdown जैसे संकेत कंपनी ने खुद दिए।
👉 इससे FIIs और Smart Money ने positions unwind करना शुरू किया।
2. 🤖 Automation से Margin Pressure
GenAI और Cloud Transformation में TCS पीछे रह गई है। Infosys और Accenture जैसे competitors aggressive हैं।
इससे long-term investors में fear है कि TCS पुराने model में फंसी रह जाएगी।
3. 🧳 Attrition कम हुआ, पर Hiring भी रुकी
TCS ने Q1 में लगभग net hiring शून्य की—काफी सालों में पहली बार।
👉 इससे संकेत मिलता है कि demand pipeline कमजोर है।
4. 🧾 Order Book पर भी सवाल
TCS का order inflow ₹9.8 बिलियन रहा — पिछले 4 quarters से stagnant।
यह stability नहीं, बल्कि growth absence दिखाता है।
💼 Smart Money ने क्या किया?
Mutual Funds और FIIs ने जून से अब तक TCS में धीरे-धीरे exit करना शुरू किया।
🔻 June से अब तक:
- FII holding 1.2% घटी
- Mutual fund allocation में 3% तक की trimming
👉 साफ है कि institutions को अगली 2 तिमाही में upside की उम्मीद नहीं है।
📈 क्या ये Long-Term Buying Opportunity है?
💬 अगर आप एक long-term investor हैं, तो ये गिरावट आपके लिए मौका बन सकती है।
लेकिन entry करने से पहले नीचे के फैक्टर्स समझें:
✅ कब सोचें निवेश के बारे में:
- जब ₹3,300–₹3,400 के बीच support मिल जाए
- जब Q2 में deal wins में बढ़त दिखे
- जब AI आधारित services portfolio में re-alignment हो
⚠️ Retail Investors के लिए Alert!
अगर आपने high valuation पर खरीदी की है, तो panic selling ना करें।
👉 Average करें तभी जब support confirm हो।
📢 ध्यान रखें:
- ये IT सेक्टर की cyclicality है
- Large-cap होने से volatility सीमित रहती है
- लेकिन quick reversal की उम्मीद ना रखें
📌 क्या ये पूरी IT Industry की Story है?
Yes & No.
TCS की गिरावट sector-wide concern को reflect करती है:
- US recession fears
- Tech budget cuts
- AI-led disruption fears
पर Infosys, HCL जैसी कंपनियों ने कुछ हद तक resilience दिखाई है।
💡 Conclusion — नतीजे से ज्यादा "Narrative" हावी है
TCS का Q1 result अकेले गिरावट की वजह नहीं है—वजह है investors का “narrative change” perception में।
📉 अब valuation की निगाह से देखें तो stock ₹4,200 से गिरकर ₹3,200 के करीब है यानी 25% से ज़्यादा correction।
➡️ यही correction उन लोगों के लिए opportunity है जो अगले 3–5 साल की सोच रखते हैं।
❓ FAQs — आपने पूछा, हमने जवाब दिया:
Q1. क्या TCS में अब निवेश करना चाहिए?
➡️ अगर long-term investor हैं तो ₹3,200–₹3,400 की range में SIP करें, लेकिन जल्द return की उम्मीद ना रखें।
Q2. क्या गिरावट और बढ़ सकती है?
➡️ अगर next quarter में भी growth dull रही, तो ₹3,000 तक support test हो सकता है।
Q3. क्या IT सेक्टर अब value trap बन रहा है?
➡️ नहीं, ये एक transformation phase है जहां AI, Cloud और Global macros मिलकर दबाव बना रहे हैं।
Q4. क्या ये Infosys, Wipro पर भी असर डालेगा?
➡️ हां, लेकिन degree अलग होगी—Infosys की strategy अभी ज्यादा adaptive दिख रही है।
📢 Disclaimer:
यह लेख केवल जानकारी हेतु है और इसे निवेश सलाह के रूप में न लें। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।
✅ अब आप क्या कर सकते हैं?
- इस लेख को अपने निवेशक दोस्तों से शेयर करें
- TCS की अगली earnings call में क्या guidance आता है, उस पर नज़र रखें
- अगर आप Trader हैं, तो Stop-loss ज़रूर लगाएं