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Zerodha के GTT ऑर्डर का सही इस्तेमाल कैसे करें? पूरी गाइड हिंदी में 🚀
नमस्ते दोस्तों! 👋 शेयर बाजार में अगर आपने अभी-अभी कदम रखा है या फिर कुछ समय से ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो आपने एक चीज का अनुभव जरूर किया होगा – बाजार हमेशा उस वक्त मूव करता है जब आप कंप्यूटर या फोन के सामने नहीं होते! 😅
कितनी बार ऐसा हुआ है कि आपने एक शेयर ₹100 में खरीदा, टारगेट ₹120 रखा, लेकिन जब शेयर ₹120 पर पहुंचा तो आप किसी काम में बिज़ी थे और ऑर्डर मिस हो गया? फिर शेयर वापस नीचे आ गया और आप पछतावा करते रह गए। या फिर, आपने एक शेयर ₹200 में खरीदा और स्टॉप लॉस ₹180 रखा। अचानक बाजार में गिरावट आई और शेयर ₹180 से नीचे चला गया, लेकिन आप समय पर स्टॉप लॉस ऑर्डर नहीं लगा पाए और नुकसान और बढ़ गया।
इन्हीं समस्याओं का समाधान है GTT Order यानी Good Till Triggered Order। और अगर आप Zerodha जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं, तो यह फीचर आपके लिए एक वरदान साबित हो सकता है।
इस लेख में, हम Zerodha के GTT ऑर्डर के बारे में ए से ज़ेड तक सब कुछ जानेंगे। हम समझेंगे कि GTT क्या है, इसके कितने प्रकार हैं, इसे सही तरीके से कैसे सेट करें, इसके क्या फायदे और जोखिम हैं, और सबसे जरूरी – SEBI की गाइडलाइन्स क्या हैं। तो, बिना समय गवाएं, शुरू करते हैं!
GTT ऑर्डर क्या है? (What is GTT Order in Hindi?)
GTT का फुल फॉर्म है Good Till Triggered या Good Till Time. 🔍
इसे साधारण भाषा में समझें तो GTT एक "अगर-तो" (If-Then) कंडीशनल ऑर्डर है। यह आपके द्वारा पहले से तय की गई एक शर्त (Condition) पर निर्भर करता है। जब भी मार्केट में आपकी तय की हुई शर्त पूरी होती है, तो यह ऑटोमैटिकली आपका ऑर्डर प्लेस कर देता है।
यह एक Normal Order की तरह नहीं होता जो उसी दिन एक्सपायर हो जाता है। GTT ऑर्डर आपके डीमैट अकाउंट में Active रहता है, जब तक कि:
- आपकी तय शर्त पूरी नहीं हो जाती, या
- आप खुद उसे कैंसल नहीं कर देते, या
- यह 1 साल (365 दिन) पूरे नहीं हो जाते (SEBI guideline)।
उदाहरण के लिए: मान लीजिए आपने ABC कंपनी का शेयर ₹100 में खरीदा है। आप चाहते हैं कि जैसे ही यह शेयर ₹120 पर पहुंचे, आपका Sell ऑर्डर ऑटोमैटिक प्लेस हो जाए। आप GTT ऑर्डर लगा सकते हैं एक शर्त के साथ: "अगर (If) ABC का शेयर ₹120 को टच करे, तो (Then) ₹120 पर एक Sell ऑर्डर प्लेस कर दो।"
इस तरह, आपको हर समय स्क्रीन पर चिपके रहने की जरूरत नहीं है। आपका ऑर्डर अपने आप काम कर जाएगा।
GTT ऑर्डर के प्रकार (Types of GTT Orders in Zerodha)
Zerodha में मुख्य रूप से GTT ऑर्डर के दो प्रकार होते हैं। आपकी जरूरत के हिसाब से आप इनमें से किसी एक को चुन सकते हैं।
1. सिंगल ट्रिगर GTT (Single Trigger GTT) 🎯
इस प्रकार के GTT ऑर्डर में एक ही ट्रिगर प्राइस होता है। जैसे ही मार्केट प्राइस आपके तय किए गए इस ट्रिगर प्राइस को टच करता है, आपका ऑर्डर (जैसे Buy या Sell) ऑटोमैटिक प्लेस हो जाता है।
सिंगल ट्रिगर GTT के उदाहरण:
- टारगेट प्रॉफिट के लिए: "अगर INFY ₹2000 के ऊपर चला जाए, तो ₹2000 पर बेच दो।"
- नई एंट्री के लिए: "अगर RELIANCE ₹2500 तक नीचे आ जाए, तो ₹2500 पर खरीद लो।"
2. डबल ट्रिगर GTT (Double Trigger GTT / OCO Order) ⚖️
डबल ट्रिगर GTT थोड़ा जटिल लग सकता है, लेकिन यह बहुत ही उपयोगी है। इसे OCO (One Cancels the Other) ऑर्डर भी कहते हैं। इसमें आप दो शर्तें एक साथ लगाते हैं। जैसे ही पहली शर्त पूरी होती है, दूसरी शर्त अपने आप कैंसल हो जाती है।
यह ट्रेडर्स के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि इससे आप एक साथ दो प्लान के साथ काम कर सकते हैं।
डबल ट्रिगर GTT के उदाहरण:
मान लें आपने TCS ₹3500 में खरीदा है।
- पहली शर्त (टारगेट): अगर प्राइस ₹3700 हो जाए, तो बेच दो और प्रॉफिट बुक कर लो।
- दूसरी शर्त (स्टॉप लॉस): अगर प्राइस ₹3400 हो जाए, तो बेच दो और नुकसान से बचो।
Zerodha में GTT ऑर्डर कैसे सेट करें? (Step-by-Step Guide) 📱
अब सबसे जरूरी हिस्सा – प्रैक्टिकली GTT ऑर्डर कैसे लगाएं। यह प्रक्रिया बहुत ही आसान है। आप इसे Kite Web (कंप्यूटर) या Kite App (मोबाइल) दोनों पर कर सकते हैं।
स्टेप 1: Zerodha Kite में लॉगिन करें
सबसे पहले अपने Zerodha Kite App या Website पर अपने User ID और Password से लॉगिन करें।
स्टेप 2: GTT का ऑप्शन ढूंढें
- Kite App में: नीचे दिए गए मेन्यू में
Orders
टैब पर जाएं। वहां आपकोGTT
का ऑप्शन दिखाई देगा। उस पर क्लिक करें। या फिर वॉचलिस्ट में से किसी भी स्टॉक पर क्लिक करें और वहां से Create GTT सेलेक्ट करें। - Kite Web पर: बाएं हाथ के मेन्यू में
Orders
सेक्शन के अंदरGTT
का लिंक मिलेगा।
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zerodha GTT order creation example |
स्टेप 3: नया GTT ऑर्डर क्रिएट करें
Create GTT
या New GTT
के बटन पर क्लिक करें।
स्टेप 4: शेयर का नाम और ट्रिगर डिटेल्स भरें
- सबसे पहले, उस शेयर का नाम सर्च करें और सिलेक्ट करें जिसके लिए आप GTT ऑर्डर सेट करना चाहते हैं।
- अब GTT का टाइप चुनें: Single Trigger या Double Trigger।
- Trigger Price डालें: वह कीमत जहां आपका ऑर्डर एक्टिव होगा।
- Price और Quantity डालें: जब ट्रिगर एक्टिव हो, तो किस Price और कित Quantity पर ऑर्डर प्लेस होना चाहिए।
- Validity चुनें: GTT ऑर्डर कितने दिनों तक एक्टिव रहेगा (अधिकतम 365 दिन तक)।
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Zerodh GTT order window |
स्टेप 5: ऑर्डर की समीक्षा करें और प्लेस करें
सारी डिटेल्स एक बार चेक कर लें। अगर सब कुछ सही है तो Place GTT
या Confirm
के बटन पर क्लिक कर दें।
बस हो गया! 🎉 आपका GTT ऑर्डर अब एक्टिव है। आप GTT
टैब में जाकर अपने सभी एक्टिव GTT ऑर्डर्स को देख, एडिट या कैंसल कर सकते हैं।
GTT ऑर्डर के फायदे (Advantages of Using GTT) 👍
GTT ऑर्डर का इस्तेमाल करने के कुछ बेहतरीन फायदे हैं:
- टाइम मैनेजमेंट (Time Management): इसकी मदद से आप 24x7 स्क्रीन के सामने बैठे रहने के चक्कर से आजाद हो जाते हैं। आप अपना काम पहले से प्लान कर सकते हैं और जिंदगी की अन्य जरूरी बातों पर ध्यान दे सकते हैं।
- भावनात्मक नियंत्रण (Emotional Control): ट्रेडिंग में सबसे बड़ी चुनौती Emotions (लालच और डर) को कंट्रोल करना है। GTT ऑर्डर एक मशीन की तरह आपके पहले से तय प्लान को Execute करता है, जिससे Emotional Trading की संभावना कम हो जाती है।
- जोखिम प्रबंधन (Risk Management): डबल ट्रिगर GTT की मदद से आप एक ही साथ अपना स्टॉप लॉस और टारगेट दोनों सेट कर सकते हैं। इससे आपकी ट्रेडिंग में अनुशासन (Discipline) आता है और जोखिम कम होता है।
- मौके न गवाना (Never Miss an Opportunity): चाहे आप छुट्टी पर हों, काम में बिजी हों या सो रहे हों, GTT ऑर्डर आपके लिए काम करता रहेगा। आप बिना किसी चिंता के अपने टारगेट प्राइस पर प्रॉफिट बुक कर पाएंगे।
GTT ऑर्डर के जोखिम और सावधानियां (Risks and Precautions) ⚠️
हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। GTT ऑर्डर के भी कुछ जोखिम और सीमाएं हैं, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए।
- गैप-डाउन/गैप-अप रिस्क (Gap Risk): यह सबसे बड़ा जोखिम है। मान लीजिए आपने किसी शेयर के लिए स्टॉप लॉस GTT ₹180 पर लगा रखा है। अगले दिन शेयर ₹200 से सीधे ₹175 पर Open होता है (Bad News के कारण)। आपका GTT ऑर्डर ₹180 पर एक्टिवेट होगा, लेकिन ऑर्डर ₹175 के मार्केट प्राइस पर Execute होगा, जिससे आपको ₹180 की बजाय ₹175 पर नुकसान होगा।
- ऑर्डर एक्जीक्यूशन की गारंटी नहीं (No Execution Guarantee): GTT सिर्फ एक ऑर्डर प्लेस करता है, यह गारंटी नहीं देता कि ऑर्डर Execute होगा ही। अगर ट्रिगर होने के बाद प्राइस बहुत तेजी से मूव करता है, तो आपका ऑर्डर unexecuted रह सकता है।
- तकनीकी खराबी (Technical Glitch): हालांकि ऐसा बहुत कम होता है, लेकिन Server Down होने या Technical Issue की स्थिति में GTT ऑर्डर काम नहीं कर पाता।
- SEBI की वैधता सीमा (Validity Limit): SEBI के नियमों के अनुसार, कोई भी GTT ऑर्डर सिर्फ 365 दिनों तक ही एक्टिव रह सकता है। उसके बाद आपको इसे दोबारा सेट करना होगा।
सावधानी: GTT एक "सेट एंड फॉरगेट" टूल नहीं है। आपको समय-समय पर अपने एक्टिव GTT ऑर्डर्स को चेक करते रहना चाहिए और जरूरत पड़ने पर उन्हें अपडेट या कैंसल करना चाहिए।
GTT ऑर्डर पर SEBI गाइडलाइन्स (Important SEBI Guidelines) 📜
GTT ऑर्डर का इस्तेमाल करते समय SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की कुछ महत्वपूर्ण guidelines का पालन करना जरूरी है:
- अधिकतम वैधता (Max Validity): कोई भी GTT ऑर्डर अधिकतम 365 दिनों (1 साल) तक के लिए ही सेट किया जा सकता है। इससे ज्यादा के लिए नहीं।
- GTT के लिए उपलब्ध शेयर (Eligible Securities): GTT ऑर्डर सिर्फ उन्हीं शेयरों पर लगाए जा सकते हैं जो NSE के F&O (फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस) सेगमेंट में हैं या फिर जो Nifty 50 या Nifty Next 50 इंडेक्स का हिस्सा हैं। इसकी पूरी लिस्ट आप NSE की वेबसाइट पर देख सकते हैं।
- मार्जिन ब्लॉक (Margin Block): GTT ऑर्डर लगाने के लिए आपके डीमैट अकाउंट में पर्याप्त मार्जिन या शेयर होने चाहिए। जब आप Buy GTT लगाते हैं, तो उस ऑर्डर के लिए जरूरी मार्जिन आपके अकाउंट में ब्लॉक कर दिया जाता है। इसी तरह, Sell GTT के लिए आपके अकाउंट में उतने शेयर होने चाहिए।
- GTT की सीमा (Price Band): GTT ऑर्डर भी एक Normal Order की तरह ही Exchange के Price Band के नियमों का पालन करता है। मतलब, आप ऐसा कोई GTT ऑर्डर नहीं लगा सकते जिसकी प्राइस उस दिन के Upper/Lower Circuit से बाहर हो।
इन नियमों का पालन न करना आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है, इसलिए GTT ऑगाही के साथ इस्तेमाल करें।
GTT ऑर्डर के कॉमन उदाहरण और Use Cases 🧠
चलिए, अब कुछ Practical उदाहरणों से समझते हैं कि GTT का इस्तेमाल किन-किन स्थितियों में किया जा सकता है।
उदाहरण 1: टारगेट प्रॉफिट बुक करना (Booking Target Profit)
परिदृश्य: आपने HDFC Bank के 10 शेयर ₹1400 में खरीदे हैं। आपका टारगेट ₹1500 है।
GTT सेटअप:
- टाइप: Single Trigger
- ट्रिगर प्राइस: ₹1500
- ऑर्डर: ₹1500 पर 10 शेयर बेचने का Limit Order
- वैधता: 365 दिन
नतीजा: जैसे ही HDFC Bank का शेयर ₹1500 को टच करेगा, आपका Sell ऑर्डर ऑटोमैटिक प्लेस हो जाएगा और प्रॉफिट बुक हो जाएगा।
उदाहरण 2: स्टॉप लॉस ऑर्डर को ऑटोमेट करना (Automating Stop Loss)
परिदृश्य: आपने Infosys के 15 शेयर ₹1500 में खरीदे हैं। आप नुकसान को ₹1450 तक सीमित रखना चाहते हैं।
GTT सेटअप:
- टाइप: Single Trigger
- ट्रिगर प्राइस: ₹1450
- ऑर्डर: ₹1450 पर 15 शेयर बेचने का Limit Order
- वैधता: 365 दिन
नतीजा: अगर प्राइस गिरकर ₹1450 आता है, तो आपका स्टॉप लॉस ऑर्डर एक्टिव हो जाएगा और आप ज्यादा नुकसान से बच जाएंगे।
उदाहरण 3: डबल ट्रिगर (OCO) का इस्तेमाल
परिदृश्य: आपने Bajaj Finance के 5 शेयर ₹7000 में खरीदे हैं। आप ₹7500 पर प्रॉफिट बुक करना चाहते हैं और ₹6800 पर स्टॉप लॉस लगाना चाहते हैं।
GTT सेटअप:
- टाइप: Double Trigger (OCO)
- पहला ट्रिगर (टारगेट): ₹7500 | ऑर्डर: ₹7500 पर बेचें
- दूसरा ट्रिगर (स्टॉप लॉस): ₹6800 | ऑर्डर: ₹6800 पर बेचें
- वैधता: 365 दिन
नतीजा: इन दोनों में से जो भी शर्त पहले पूरी होगी, वही ऑर्डर Execute होगा और दूसरा ऑटोमैटिक कैंसल।
उदाहरण 4: ब्रेकआउट पर खरीदारी (Buying on Breakout)
परिदृश्य: आपका मानना है कि अगर Tata Motors का शेयर ₹500 के Resistance Level को तोड़ देता है, तो यह और ऊपर जा सकता है।
GTT सेटअप:
- टाइप: Single Trigger
- ट्रिगर प्राइस: ₹501 (रेजिस्टेंस के ऊपर)
- ऑर्डर: ₹501 पर खरीदने का Limit Order
- वैधता: 365 दिन
नतीजा: जैसे ही शेयर ₹501 को टच करेगा, आपका Buy ऑर्डर प्लेस हो जाएगा और आप ब्रेकआउट की ट्रेड में शामिल हो जाएंगे।
निष्कर्ष (Conclusion) ✅
दोस्तों, Zerodha का GTT ऑर्डर एक शानदार और शक्तिशाली टूल है जो आपकी ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट की दुनिया को आसान और अधिक अनुशासित बना सकता है। यह आपको भावनाओं से दूर रखकर, एक पूर्व-नियोजित रणनीति के अनुसार चलने के लिए प्रेरित करता है।
हालांकि, याद रखें, कोई भी टूल 100% परफेक्ट नहीं होता। GTT के अपने जोखिम हैं, खासकर Gap डाउन/अप का। इसलिए, इसे Blindly इस्तेमाल करने के बजाय, समझदारी से इस्तेमाल करें। समय-समय पर अपने एक्टिव GTT ऑर्डर्स की समीक्षा करते रहें।
अगर आप एक Long-Term इन्वेस्टर हैं या एक Busy ट्रेडर, GTT ऑर्डर आपके लिए एक वफादार और मेहनती सहायक साबित हो सकता है। इसे अच्छी तरह समझिए, प्रैक्टिस कीजिए, और अपनी ट्रेडिंग जर्नी को और भी बेहतर बनाइए।
हैप्पी ट्रेडिंग! 📊💹
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ Section) ❓
1. क्या GTT ऑर्डर मुफ्त है? Zerodha GTT चार्ज क्या है?
जी हां, Zerodha पर GTT ऑर्डर प्लेस करना और मैनेज करना बिल्कुल फ्री है। इस पर कोई अलग से चार्ज नहीं लगता। हां, जब आपका GTT ऑर्डर Execute होता है तो उस पर Normal Brokerage और other charges लागू होंगे।
2. क्या GTT ऑर्डर After Market Hours में काम करता है?
नहीं, GTT ऑर्डर सिर्फ Market Hours (सुबह 9:15 से 3:30 बजे तक) के दौरान ही Monitor होते हैं। अगर प्राइस After Hours में ट्रिगर प्राइस को छू भी जाए, तो ऑर्डर अगले Trading Day के Opening पर Execute होगा।
3. क्या मैं एक ही शेयर के लिए एक से ज्यादा GTT ऑर्डर लगा सकता हूं?
हां, आप एक ही शेयर के लिए एक साथ कई GTT ऑर्डर लगा सकते हैं, बशर्ते आपके पास पर्याप्त मार्जिन या शेयर्स हों। उदाहरण के लिए, आप अलग-अलग टारगेट प्राइस के साथ कई GTT ऑर्डर लगा सकते हैं।
4. अगर मेरे अकाउंट में शेयर नहीं हैं, तो क्या मैं Sell GTT लगा सकता हूं?
नहीं, Sell GTT ऑर्डर लगाने के लिए जरूरी है कि उस समय आपके डीमैट अकाउंट में बेचने लायक शेयर्स (न्यूडट्रिक्शन से मुक्त) मौजूद हों।
5. GTT ऑर्डर कैंसल कैसे करें?
GTT ऑर्डर कैंसल करना बहुत आसान है। Kite के Orders
सेक्शन में GTT
टैब पर जाएं। वहां आपको अपने सभी एक्टिव GTT ऑर्डर्स की लिस्ट दिखेगी। जिस ऑर्डर को कैंसल करना है, उसके सामने Cancel
का ऑप्शन होगा, उसे क्लिक कर दें।
6. क्या IPO शेयरों पर GTT ऑर्डर लगाया जा सकता है?
जी हां, अगर IPO लिस्टिंग के बाद वह शेयर NSE के F&O सेगमेंट में है या Nifty 50/Next 50 का हिस्सा है, तो आप उस पर GTT ऑर्डर लगा सकते हैं।
7. GTT ऑर्डर में Trigger Price और Price में क्या अंतर है?
- Trigger Price: वह कीमत जहां पहुंचने पर आपका ऑर्डर एक्टिव होगा।
- Price: वह कीमत जिस पर आपका ऑर्डर (Buy या Sell) प्लेस होगा, जब ट्रिगर एक्टिव हो जाए।
(नोट: यह जानकारी शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी निवेश निर्णय से पहले एक योग्य वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।)