बैलेंस शीट में छिपी ये 5 लाइन, जो बता देती है कंपनी डूबने वाली है

Hemant Saini
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Introduction: एक कहानी से शुरू करते हैं...

रमेश (एक छोटा निवेशक) ने 2018 में जेट एयरवेज के शेयर खरीदे। उसे लगा "बड़ी कंपनी है, प्रॉफिट भी दिख रहा है!" पर 6 महीने बाद कंपनी डूब गई! 😱
क्यों? क्योंकि रमेश ने बैलेंस शीट में छिपे उस जहरीले दांत को नहीं पहचाना जो कंपनी को अंदर से खोखला कर रहा था। आज हम वही 5 लाइनें आपको बताएंगे जो टाइटैनिक की आइसबर्ग की तरह कंपनी को डुबो देती हैं।

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बैलेंस शीट = कंपनी का "पैसे का बाथरूम स्केल" ⚖️

जैसे आप बाथरूम स्केल पर खड़े होकर चिल्लाते हैं "अरे! मेरा वजन बढ़ गया!", वैसे ही बैलेंस शीट बताती है कंपनी का "वजन" (कर्ज) बढ़ गया है।

इसके 3 हिस्से होते हैं:

  1. संपत्ति (Assets): जो कंपनी के पास है (कैश, मशीन, जमीन)।
  2. देनदारियां (Liabilities): जो कंपनी पर बकाया है (कर्ज, बिल)।
  3. हिस्सेदारी (Equity): मालिकों और शेयरधारकों का पैसा।

📌 गोलू किराना स्टोर वाला उदाहरण:

  • संपत्ति = दुकान + सामान + कैश (10 लाख)
  • देनदारी = बैंक लोन (8 लाख) + सप्लायर का बकाया (1 लाख)
  • हिस्सेदारी = 10 - 9 = सिर्फ 1 लाख!

सीख: अगर देनदारियां संपत्ति से ज्यादा हो जाएं, तो समझो दुकान "पानी में" है!


वो 5 लाइनें जो चिल्लाती हैं "भागो! यह कंपनी डूबेगी" 🚨

1. "Long-Term Borrowings" : कर्ज का भूत 👻

ये लाइन क्या है: कंपनी ने बैंक/मार्केट से कितना लंबा कर्ज लिया है।

डूबने का संकेत कब?

✨ उदाहरण: Kingfisher Airlines (2011)

  • 2011 की बैलेंस शीट: कर्ज = 7,500 करोड़
  • खुद की पूंजी (Equity) = सिर्फ 1,200 करोड़
  • हिसाब: कर्ज, पूंजी से 6 गुना ज्यादा!

नतीजा: 2012 में कंपनी डूब गई!

आसान नियम:

कर्ज ÷ खुद की पूंजी > 2 हो = खतरे की घंटी!


2. "Current Liabilities" : आने वाले महीने की टेंशन ⏳

ये लाइन क्या है: अगले 1 साल में चुकाने वाले छोटे कर्ज (सैलरी, बिजली बिल, सप्लायर का पैसा)।

डूबने का संकेत कब?

✨ उदाहरण: सत्यम कंप्यूटर्स (2008)

  • करंट लायबिलिटीज = 1,200 करोड़
  • करंट एसेट्स (जल्दी बिकने वाली संपत्ति) = 900 करोड़
  • हिसाब: बिल चुकाने को पैसा ही नहीं!

नतीजा: भारत का सबसे बड़ा कॉर्पोरेट घोटाला!

आसान नियम:

(चल संपत्ति ÷ चल देनदारियां) < 1 हो = "कैश नहीं, मैश होगा!"


3. "Retained Earnings" : पिछले सालों का रोना 😭

ये लाइन क्या है: कंपनी ने सालों में कितना मुनाफा जमा किया (या गंवाया)।

डूबने का संकेत कब?

✨ उदाहरण: DHFL (2018)

  • रिटेन्ड अर्निंग्स = (-) 1,700 करोड़
  • मतलब: कंपनी ने इतिहास में इतना घाटा खाया कि जमा पूंजी भी डूब गई!
नतीजा: 2019 में कंपनी दिवालिया घोषित!

आसान नियम:

रिटेन्ड अर्निंग्स पर लाल स्याही (नेगेटिव) हो = "पिछले घाव अब भरेंगे नहीं!"


4. "Cash & Bank Balance" : आखिरी गोली ख़त्म 💸

ये लाइन क्या है: कंपनी के बैंक में पड़ा नकदी का ढेर

डूबने का संकेत कब?

✨ उदाहरण: Reliance Communications (2017)

  • 2016: कैश = 2,500 करोड़
  • 2017: कैश = 200 करोड़
  • गिरावट: 1 साल में 90% कैश गायब!

नतीजा: 2019 में दिवालिया!

आसान नियम:

कैश रिजर्व लगातार 2 साल तक गिरे = "घर में अनाज खत्म!"

Reliance Communication Chart Example
Reliance Communication Chart Example

5. "Trade Payables" : सप्लायर का गुस्सा 😡

ये लाइन क्या है: सप्लायर्स को बकाया पैसा

डूबने का संकेत कब?

✨ उदाहरण: Café Coffee Day (2019)

  • ट्रेड पेयेबल्स = 1,200 करोड़
  • साल दर साल 200% बढ़ा!
  • मतलब: कंपनी कॉफी बीन्स खरीदने का पैसा भी नहीं दे पा रही!

नतीजा: संस्थापक की आत्महत्या, कंपनी बिक गई!

आसान नियम:

सप्लायर्स का बकाया हर साल 25% से ज्यादा बढ़े = "दुकानदार नाराज, सामान बंद!"


3 गलतियाँ जो निवेशकों को बर्बाद करती हैं

1. "यार, प्रॉफिट तो बढ़ रहा है!"

  • सत्यम कंप्यूटर्स भी प्रॉफिट दिखाती थी...पर वो झूठा था!

2. "बॉस बड़े साहब हैं, कंपनी नहीं डूबेगी!"

  • विजय माल्या (Kingfisher) भी बड़े साहब थे!

3. "मैं तो लॉन्ग टर्म के लिए खरीद रहा हूँ!"

  • जेट एयरवेज के शेयर 90 दिन में 340₹ से 40₹ पर आ गए!


कैसे बचें? एक रिक्शा चालक की समझदारी 🚲

मोहनलाल (दिल्ली का रिक्शा चालक) ने जान बचाई कैसे?

1. वो हर कंपनी की बैलेंस शीट में सिर्फ 2 चीजें चेक करता है:

  1. "कर्ज कितना है?" → अगर पूंजी से दोगुना, तो छोड़ो!
  2. "कैश कितना है?" → अगर पिछले साल से कम, तो भागो!

2. उसने Yes Bank के शेयर 2018 में बेच दिए...2019 में कंपनी डूबी!


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Conclusion: निवेश करो, अंधविश्वास नहीं!

दोस्तों, शेयर बाजार "सुंदरकांड" नहीं, "एग्जाम की कॉपी" है! जैसे आप कॉपी में लाल निशान देखकर डर जाते हैं, वैसे ही बैलेंस शीट में ये 5 लाल लाइनें देखकर सतर्क हो जाइए।

✨ याद रखें:
"जो कंपनी कर्ज में डूबी,
कैश न हो, बिल चुकाने की टेंशन हो...
समझो वो डूबने वाली है।
निवेश करो पर आँख खोलकर!" 😊

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FAQ: आपके सवाल, हमारे जवाब

Q1: बैलेंस शीट कहाँ मिलेगी?

Ans:

  • कंपनी की वेबसाइट > इन्वेस्टर सेक्शन
  • BSE/NSE की वेबसाइट पर (जैसे: BSE India)
  • MoneycontrolScreener.in जैसी साइटों पर फ्री

Q2: क्या छोटी कंपनियों की बैलेंस शीट भी चेक करनी चाहिए?

Ans: हाँ! Cantabil Retail जैसी छोटी कंपनी का कर्ज 2020 में 200 करोड़ था, 2023 में 500 करोड़ हो गया → शेयर 70% गिरा!

Q3: अगर कर्ज ज्यादा है पर प्रॉफिट भी तो?

Ans: धोखा मत खाओ! Reliance Communications भी प्रॉफिट दिखाती थी, पर कर्ज 45,000 करोड़ था → आखिरकार डूबी!

Q4: सबसे ज्यादा झूठ किस लाइन में होता है?

Ans: "देनदार (Receivables)" में! कंपनियाँ झूठे देनदार दिखाकर प्रॉफिट बढ़ा देती हैं। (जैसे सत्यम ने किया!)

Q5: क्या सरकारी कंपनियाँ भी डूब सकती हैं?

Ans: हाँ! BSNL और Air India बैलेंस शीट में कर्ज बढ़ने के कारण ही डूबी थीं।

⚠️ चेतावनी: यह लेख शिक्षा के लिए है। निवेश से पहले SEBI रजिस्टर्ड सलाहकार से सलाह लें।
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(स्रोत: SEBI रिपोर्ट्स, कंपनी वार्षिक रिपोर्ट्स, BSE डेटा)

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